Seoni News: गरीबों के लिए चलाई जा रही सरकारी योजनाओं में अमीरों की घुसपैठ ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है। जिले में बड़ी संख्या में ऐसे लोग सामने आए हैं जिन्होंने गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) श्रेणी का कार्ड बनवा लिया और सालों से मुफ्त राशन सहित कई सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे थे। ताज़ा जांच में ऐसे 2023 अपात्र लोगों की पहचान हुई है जिन्हें अब नोटिस थमाकर जवाब मांगा गया है।
खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग की ओर से किए गए डाटा विश्लेषण में पता चला कि कई बीपीएल कार्डधारक वास्तव में आयकर दाता हैं। इनमें से कई के पास चौपहिया वाहन हैं तो कुछ कंपनियों के निदेशक भी पाए गए हैं। विभाग ने तकनीकी माध्यम से विभिन्न मंत्रालयों और विभागों जैसे आयकर विभाग, कार्पोरेट मामलों का मंत्रालय, सड़क परिवहन और पीएम किसान योजना के डेटाबेस से जानकारी मिलाकर अपात्रों की सूची तैयार की है।
असली हकदारों का हक मारा
जांच से साफ हुआ कि ये संपन्न परिवार न केवल सरकारी राशन ले रहे थे बल्कि असली जरूरतमंद परिवारों का हक भी छीन रहे थे। सरकार का कहना है कि इन अपात्रों को सूची से हटाकर वास्तविक गरीबों को शामिल किया जाएगा। इसके लिए 30 सितंबर तक का लक्ष्य तय किया गया है।
वसूली और कानूनी कार्रवाई की संभावना
जिन्हें नोटिस दिया गया है उन्हें यह साबित करना होगा कि वे बीपीएल श्रेणी में क्यों आते हैं। संतोषजनक जवाब न मिलने पर उनके राशन कार्ड निरस्त किए जाएंगे। विभाग ने संकेत दिए हैं कि यदि आवश्यक हुआ तो अब तक उठाए गए राशन और अन्य सुविधाओं की वसूली भी की जा सकती है। यहां तक कि संबंधित लोगों पर कानूनी कार्रवाई भी संभव है।
कहाँ सबसे ज्यादा अपात्र मिले
जिले में सबसे अधिक अपात्र सिवनी विकासखंड से मिले हैं जहाँ 394 लोगों को नोटिस दिया गया है। नगर पालिका सिवनी में 371, बरघाट ब्लॉक में 297, घंसौर में 137, केवलारी में 179 और कुरई में 235 अपात्र चिन्हित हुए हैं। इसके अलावा छपारा, धनौरा और अन्य नगर परिषद क्षेत्रों से भी कई मामलों का खुलासा हुआ है।
आमजन से अपील
प्रशासन ने नागरिकों से भी अपील की है कि यदि उनके आसपास ऐसे लोग हैं जो संपन्न होने के बावजूद बीपीएल कार्ड का लाभ ले रहे हैं तो उनकी सूचना अधिकारियों को दें। विभाग का कहना है कि योजनाओं का मकसद केवल गरीब और जरूरतमंद परिवारों तक मदद पहुंचाना है।