Katni News: कटनी आज प्रदेश की औद्योगिक संभावनाओं का गवाह बना। यहां आयोजित मध्य प्रदेश माइनिंग कॉन्क्लेव 2.0 में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने साफ कहा कि राज्य खनिज संपदा और निवेश-अनुकूल नीतियों के दम पर देश के खनन और उद्योग क्षेत्र में तेजी से अपनी पहचान बना रहा है। उन्होंने भरोसा जताया कि यह आयोजन निवेशकों को प्रदेश की अपार संभावनाओं से रूबरू कराएगा और खनिज आधारित उद्योगों में बड़े अवसर खोलेगा।
इस कॉन्क्लेव में देशभर से करीब दो हजार से ज्यादा प्रतिभागी जुटे। इनमें निवेशकों उद्योगपतियों से लेकर खनन क्षेत्र के विशेषज्ञ और विभिन्न संस्थानों के प्रतिनिधि शामिल रहे। मुख्यमंत्री ने खुद निवेशकों से वन-टू-वन मुलाकात कर प्रदेश में निवेश संभावनाओं और सरकारी योजनाओं की जानकारी साझा की।
खनिज उत्पादन में बड़ा योगदान
मध्य प्रदेश खनिज संपदा के मामले में समृद्ध राज्य है। देश में निकलने वाले तांबे का 73 फीसदी, रॉक फॉस्फेट का 29 फीसदी, मैंगनीज का 26 फीसदी और चूना पत्थर का 9 फीसदी उत्पादन यहीं से होता है। इतना ही नहीं, कोयला, बॉक्साइट और लौह अयस्क उत्पादन में भी प्रदेश की अहम भूमिका है। कॉन्क्लेव में इन सभी खनिजों के साथ-साथ कोयला एवं ऊर्जा, हाइड्रोकार्बन, सीमेंट उद्योग और तकनीकी नवाचार पर खास चर्चा हुई।
देश की बड़ी कंपनियां शामिल
इस आयोजन की खासियत यह रही कि इसमें देश की बड़ी कंपनियों और संस्थानों के शीर्ष अधिकारी शामिल हुए। जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया, इंडियन ब्यूरो ऑफ माइंस, कोल इंडिया लिमिटेड, एसईसीएल, एचसीएल, अदाणी सीमेंट और आर्सेलर मित्तल जैसे उद्योग समूहों ने अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। यहां सभी हितधारकों को एक साझा मंच मिला, जहां निवेश, सहयोग और नई तकनीक पर विचार हुआ।
चर्चा के सत्रों में ऊर्जा सुरक्षा, खनन में स्थिरता, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और आधुनिक तकनीकों की भूमिका पर भी जोर दिया गया। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और ऑटोमेशन कैसे खनन को और सुरक्षित व पारदर्शी बना सकते हैं, इस पर विशेषज्ञों ने अपने विचार रखे। वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत जैसे कोल गैस (सीबीएम) को भी भविष्य की बड़ी संभावना बताया गया।
कई अहम समझौते
कॉन्क्लेव में निवेश आकर्षित करने के लिए कई समझौता ज्ञापनों (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। इनमें कोल इंडिया लिमिटेड, मध्य प्रदेश शासन और राज्य खनिज निगम के बीच क्रिटिकल मिनरल्स और अन्य खनिजों की खोज को लेकर समझौता शामिल है। इसके अलावा, टेक्समिन और राज्य खनिज निगम के बीच सहयोग और आईआईएसईआर भोपाल के साथ शोध व नवाचार को लेकर समझौते किए गए। ये एमओयू प्रदेश के सामाजिक और आर्थिक विकास को नई गति देंगे।
निवेशकों को बड़ी उम्मीद
मुख्यमंत्री ने कहा कि खनिज क्षेत्र न केवल प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देगा बल्कि आत्मनिर्भर भारत के मिशन को भी आगे बढ़ाएगा। पिछले साल भोपाल में हुए पहले कॉन्क्लेव में 19,650 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव आए थे। इस बार सरकार को और बड़े निवेश की उम्मीद है।