– उपचुनाव जीते थे सुंदरलाल पटवा, वर्तमान विवेक बंटी साहू सांसद
– कमलनाथ परिवार से तीन सदस्य रहे सांसद
Chhindwara News : छिंदवाड़ा. मध्यप्रदेश का छिंदवाड़ा जिला कांग्रेस का गढ़ है. जबकि बीते कुछ दशकों से यह जिला कमलनाथ परिवार का गढ़ बना हुआ है. इस सीट से कमलनाथ, उनकी पत्नी अलका नाथ और बेटे नकुलनाथ सांसद रह चुके हैं. साल 1952 से हुए संसदीय चुनाव से लेकर अब तक इस सीट पर भाजपा महज 2 बार ही चुनाव जीत सकी है, जबकि शेष चुनाव पर कब्जा कांग्रेस का रहा है. वर्तमान में जरुर यहां से सांसद बीजेपी के विवेक बंटी साहू है. साहू ने कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ को चुनाव हराया है.
छिंदवाड़ा जिले में अन्य प्रमुख राजनेता भी है, जिनका जिले की राजनीति में सीधा हस्तक्षेप है. इन नेताओं में विश्वनाथ ओकटे हैं, कमलनाथ स्वयं, उनके बेटे नकुलनाथ, सुनील उइके, कमलेश प्रताप शाह, चौधरी सुजीत मेरसिंह और सोहनलाल बाल्मीक शामिल हैं. हालांकि इन सभी नेताओं में जो प्रभाव है वह पूर्व सीएम कमलनाथ का ही है. कमलनाथ स्वयं वर्तमान में छिंदवाड़ा विधानसभा सीट से विधायक हैं.
संसदीय सीट से अब तक रहे सांसद
छिंदवाड़ा संसदीय सीट पर सबसे पहले रायचंदभाई शाह सांसद बने, जो कांग्रेस से रहकर साल 1952 में बने. इसके 1957-1962 में कांग्रेस के भीकुललाल चांडक, 1967-1971-1977 में कांग्रेस से गार्गी शंकर मिश्रा, 1980-1984-1989-1991 में कांग्रेस से कमलनाथ, 1996 में उनकी पत्नी अलका नाथ, 1997 के उपचुनाव में भाजपा से सुंदरलाल पटवा, 1998-1999, 2004, 2009, 2014 में कांग्रेस से कमलनाथ और 2019 में नकुलनाथ, जबकि 2024 में भाजपा से विवेक कुमार साहू सांसद चुने गए हैं.
प्रदेश से लेकर देश की राजनीति को प्रभावित करता छिंदवाड़ा
छिंदवाड़ा जिले की राजनीति का मध्यप्रदेश सहित देश की राजनीति में सीधा हस्तक्षेप है. साल 1980 के बाद से जिले से कमलनाथ बड़े नेता बनकर उभरे हैं, वह केन्द्र में कई बार मंत्री रहे, जबकि मध्यप्रदेश के सीएम भी बने. नतीजतन छिंदवाड़ा जिला प्रदेश सहित देश के लिए हाईप्रोफाइल जिला माना जाता है.
जिले की 20 लाख आबादी
2011 की जनगणना के अनुसार जिले की 20 लाख आबादी है, हालांकि इस जनगणना को 14 साल बीत गए हैं, ऐसे में अब आबादी में इजाफा हो गया है. जिले की 75 फीसदी आबादी अंचल में निवास करती है, जबकि 25 प्रतिशत शहरों में. जिले में कुल 1 हजार 965 गांव हैं, जबकि 12 तहसीलें हैं, जिनमें छिंदवाड़ा, परासिया, जुन्नारदेव, अमरवाड़ा, चौंरई, हर्रई, तामिया, जामई, मोहखेड़, पांढुर्ना (अब जिला), सौसर, बिछुआ आदि शामिल हैं.
6 सीटों पर कांग्रेस, एक पर भाजपा काबिज
जिले में 7 विधानसभा सीट हैं, जिनमें 6 सीटों पर कांग्रेस काबिज है, जबकि उपचुनाव के बाद एक पर भाजपा. जिले की जुन्नारदेव सीट से सुनील उइके विधायक हैं, जबकि अमरवाड़ा से कमलेश प्रताप शाह भाजपा, चौरई से चोधरी सुजीत सिंह, सौसद से विजय चौरे, परासिया से सोहनलाल बाल्मीक, पांढुर्ना (अब जिला) से नीलेश उइके विधायक हैं.
छिंदवाड़ा सीट से कमलनाथ विधायक
बता दें जिले की छिंदवाड़ा विधानसभा सीट से स्वयं कमलनाथ विधायक हैं. मालूम हो कि साल 2018 का चुनाव मध्यप्रदेश में कांग्रेस ने कमलनाथ के नेतृत्व में लड़ा था. कुशल नेतृत्व का नतीजा यह रहा कि इस चुनाव में डेढ़ दशक पुरानी भाजपा सरकार को विदा होना पड़ा और कमलनाथ प्रदेश के सीएम बने. सीएम बनने के बाद कमलनाथ उपचुनाव लड़े और जीते. जबकि 2023 में वह विधानसभा सीट से चुनाव लड़े और विधायक बने.
लाड़ली बहना की लहर भी नहीं हिला सकी
बता दें 2023 के विधानसभा चुनाव में मध्यप्रदेश में तत्कालीन शिवराज सरकार के कार्यकाल में लाड़ली बहना की लहर चल पड़ी थी. इसका नतीजा यह हुआ कि प्रदेश में भाजपा पूर्ण बहुमत से आई. लेकिन खास बात यह है कि लाड़ली बहना की लहर भी छिंदवाड़ा की राजनीति को नहीं हिला सकी थी. जिले की सातों विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने अपना परचम फहराया था. हालांकि चुनाव बाद तत्कालीन कांग्रेस विधायक कमलेश प्रताप शाह ने भाजपा में अपनी आस्था जता दी थी, नतीजतन यहां उपचुनाव हुए, इस उपचुनाव में कमलेश प्रताप शाह ने बीजेपी के टिकट से जीत दर्ज की. इस तरह जिले की 6 विधानसभा सीट कांग्रेस के पास, जबकि एक बीजेपी के खाते में है.