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Vedic Clock : MP CM हाउस में लगी वैदिक घड़ी, मोबाईल में अब ऐप भी कर सकते हैं डाउनलोड

Vedic Clock MP CM House

Vedic Clock : मध्यप्रदेश। भारतीय कालगणना विश्व की प्राचीनतम, सूक्ष्म, शुद्ध, त्रुटिरहित, प्रामाणिक एवं विश्वसनीय पद्धति है। काल या परिमाण की इस सर्वाधिक विश्वसनीय पद्धति का पुर्नस्थापित विक्रमादित्य वैदिक घड़ी के रूप में उज्जैन में प्रारंभ किया गया था। आज मध्यप्रदेश के CM हाउस में वैदिक घड़ी स्थापित हुई है। इसी के साथ मोबाईल ऐप का लोकार्पण भी किया गया है।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि, “जिस मुख्यमंत्री आवास पर यह वैदिक घड़ी स्थापित हुई है, यह आवास मेरा नहीं, प्रदेश की 9 करोड़ जनता का है। वैदिक घड़ी
तिथियों की गणना का सटीक चित्रण करती है। हमारे व्रत-त्योहार अंग्रेजी कैलेंडर पर नहीं, बल्कि भारतीय पंचांग पर आधारित हैं। वर्ष की गणना भी तिथियों और छह ऋतुओं के आधार पर की गई है।”

“समय की गणना सूर्योदय से सूर्योदय तक होनी चाहिए, क्योंकि रात 12 बजे दिन बदलने का कोई औचित्य नहीं है। हमारे इतिहास में खगोल विज्ञान को सूर्य की छाया के आधार पर समझा और परिभाषित किया गया है। विक्रमादित्य वैदिक घड़ी भारत का समय, अब दुनिया के साथ है। हमारे इतिहास में खगोल विज्ञान को सूर्य की छाया के माध्यम से परिभाषित किया गया है। हजारों वर्ष पूर्व सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण कब घटित हुए, यह जानकारी हमें पंचांग के माध्यम से सहज ही मिल जाती है। इसी प्रकार मुहूर्तों का भी हमारे जीवन में विशेष महत्व है।” – CM डॉ. मोहन यादव

पंचांग और वैदिक गणना का महत्व
पंचांग और वैदिक गणना का क्या महत्व है आज पूरी दुनिया यह जान रही है।
ये भारत का समय है। विक्रमादित्य वैदिक घड़ी अब मोबाइल ऐप के माध्यम से भी उपलब्ध है। इसे डाउनलोड कर आप अपने फोन पर हर उपयोगी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। मुझे प्रसन्नता है कि मुख्यमंत्री निवास के बाहर भी वैदिक घड़ी स्थापित की गई है।

जानिये वैदिक घड़ी के बारे में विस्तार से
उज्जयिनी की स्थापना सृष्टि के आरंभ से ही मान्य की जाती रही है। दुनियाभर में उज्जयिनी से निर्धारित और प्रसारित कालगणना नियामक रही है। भारतीय खगोल सिद्धांत और ब्रम्हाण्ड के ग्रह नक्षत्रों की गति पर आधारित भारतीय काल गणना में समय के न्यूनतम अंश का भी समावेश किया जाता है। इसकी गणना में परमाणु से लेकर कल्प तक का विचार है। मुहूर्त, घटी, पल, कास्ता, प्रहर, दिन-रात, पक्ष, अयन, सम्वत्सर, दिव्यवर्ष, मन्वन्तर, युग, कल्प, ब्रम्हा मुख्य आधार है। हमारे द्रष्टा ऋषियों ने काल की चक्रीय अवधारणा को प्रतिपादित किया है जिसमें सतयुग, त्रेता, द्वापर, कलियुग की व्यवस्था निरंतर है और यह चक्र शाश्वत रूप से आते-जाते हैं तथा इनकी आवृत्ति-पुनरावृत्ति होती रहती है।

विक्रमादित्य वैदिक घड़ी भारतीय काल गणना पर आधारित विश्व की पहली घड़ी है जिसे वैदिक काल गणना के समस्त घटकों को समवेत कर बनाया गया है। इस घड़ी में भारतीय पंचांग समाहित रहेगा। विक्रम सम्वत् मास, ग्रह स्थिति, योग, भद्रा स्थिति, चंद्र स्थिति, पर्व, शुभाशुभ मुहूर्त, घटी, नक्षत्र, जयंती, व्रत, त्यौहार, चौघडि़या, सूर्य ग्रहण, चन्द्र ग्रहण, आकाशस्थ, ग्रह, नक्षत्र, ग्रहों का परिभ्रमण इसमें स्वाभाविक रूप से समाहित है। विक्रमादित्य वैदिक घड़ी VST=1.25 Time Zone- Sunrise पर आधारित है जो कि वैदिक आधार है। इसका मापन डोंगला स्थित वेधशाला को आधार बनाकर किया गया है।

विक्रमादित्य वैदिक घड़ी के ग्राफिक्स में सभी ज्योतिर्लिंग, नवग्रह, नक्षत्र, सूर्योदय, सूर्यास्त आदि समाहित हैं। देश और दुनिया में बलपूर्वक आरोपित ग्रीनवीच मीन टाइम ग्रेगोरियन कैलेण्डर की दुरभिसंधि से अंतरराष्ट्रीय समय की गणना में कोई व्यवधान न करते हुए विक्रमादित्य वैदिक घड़ी भारतीय काल गणना की परंपरा के पुनर्स्थापन का छोटा सा प्रयास है।

विक्रमादित्य वैदिक घड़ी का निर्माण लखनऊ की संस्था ‘आरोहण’ के आरोह श्रीवास्तव ने बनाई है। इसमें GMT के 24 घंटों को 30 मुहूर्त (घटी) में बांटा गया है। हर घटी का धार्मिक नाम और खास मतलब है। घड़ी में घंटे, मिनट और सेकंड वाली सुई भी है। सूर्योदय और सूर्यास्त के आधार पर यह टाइम की कैलकुलेशन करेगी। मुहूर्त गणना, पंचांग, मौसम से जुड़ी जानकारी भी हमें इस घड़ी के जरिए मिलेगी।

वैदिक घड़ी में वैदिक समय, IST, GMT के साथ भारतीय काल गणना विक्रम संवत् की जानकारी मिलेगी। विक्रम संवत् पंचांग (भारतीय प्राचीन कैलेंडर) शामिल रहेगा। सूर्योदय से सूर्यास्त के साथ ग्रह, योग, भद्रा, चंद्र स्थिति, नक्षत्र, चौघड़िया, सूर्यग्रहण, चंद्रग्रहण की जानकारी देगा। अभिजीत मुहूर्त, ब्रह्म मुहूर्त, अमृत काल और मौसम से जुड़ी सभी जानकारी मिल सकेगी। घड़ी में हर घंटे बाद बैकग्राउंड में नई तस्वीर दिखेगी। द्वादश ज्योतिर्लिंग मंदिर, नवग्रह, राशि चक्र के साथ दूसरे धार्मिक स्थल भी दिखाई देंगे। देश-दुनिया के खूबसूरत सूर्यास्त, सूर्य ग्रहण के नजारे भी दिखेंगे। वैदिक घड़ी इंटरनेट और ग्लोबल पॉजिशिनिंग सिस्टम (GPS) से भी जुड़ी है।

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