मध्यप्रदेश। इंदौर के सरकारी महाराजा यशवंतराव अस्पताल (एमवायएच) के नवजात शिशु आईसीयू में चूहों द्वारा कुतर दिए गए दो शिशुओं में से एक की मंगलवार को मौत हो गई। अधिकारियों ने बताया कि बच्ची की मौत निमोनिया के कारण हुई। इस मामले को लेकर सरकार लगातार सवालों के घेरे में है। डिप्टी CM ने मामले पर एक्शन लेते हुए पेस्ट कंट्रोल एजेंसी पर जुर्माना ठोक दिया है।
इंदौर के अस्पताल में चूहों के काटने से नवजात की मौत पर डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला का कहना है कि, “यह एक गंभीर मामला है, जिस पर तुरंत कार्रवाई की गई है। आमतौर पर अगर समय पर कीट नियंत्रण किया जाता, तो चूहे नहीं होते। हालांकि, यह स्पष्ट है कि कीट नियंत्रण नहीं किया गया था। कीट नियंत्रण एजेंसी पर एक लाख का जुर्माना लगाया गया है और सेवा समाप्ति का नोटिस जारी किया गया है। नर्सिंग अधीक्षक को हटा दिया गया है, दो नर्सिंग अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है और शिशु रोग विभाग के एचओडी को कारण बताओ नोटिस दिया गया है। दोनों शिशु शिशु गहन चिकित्सा इकाई (पीआईसीयू) में थे और जन्म से ही बेहद गंभीर हालत में थे, क्योंकि उनकी आंत, फेफड़े और गुर्दे से संबंधित कमियां थीं और यही उनकी मौत का मुख्य कारण था। क्योंकि ये पहले से ही काम नहीं कर रहे थे। हालांकि, उन्हें वार्ड में चूहों ने काटा था, जिससे यह लापरवाही साफ दिखाई दे रही है…एक उच्च स्तरीय जांच समिति गठित की गई है।”
राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पतालों में से एक में शिशुओं पर चूहों के हमले की घटना ने सनसनी फैला दी थी। हालांकि अस्पताल प्रशासन ने नर्सिंग अधीक्षक को पद से हटा दिया और दो नर्सिंग कर्मचारियों को निलंबित कर दिया था।
यह अस्पताल जिस सरकारी महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज से जुड़ा है, उसके डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया ने बताया कि अस्पताल में कीट नियंत्रण और सफाई का काम संभालने वाली कंपनी – द एजाइल कंपनी – पर ₹1 लाख का जुर्माना और कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
डॉ. घनघोरिया ने बताया कि सप्ताहांत में दो शिशुओं – एक लड़का और एक लड़की – को चूहों ने काट लिया था। उन्होंने बताया कि बच्ची निमोनिया से पीड़ित थी और उसकी हालत पहले से ही गंभीर थी।