जबलपुर। मध्यप्रदेश के बीजेपी विधायक संजय पाठक की मुश्किलें अवैध खनन मामले में और बढ़ गई हैं। हाई कोर्ट के जज को फोन करने का खुलासा होने के बाद अब उनके वकील भी केस से हट गए हैं।
1 सितंबर 2025 को हुई सुनवाई में जस्टिस विशाल मिश्रा ने बताया कि पाठक के एक रिश्तेदार ने उनसे सीधे संपर्क करने की कोशिश की थी। इस कारण जस्टिस मिश्रा ने खुद को मामले से अलग कर लिया।
इसके बाद पाठक के वकील अंशुमान सिंह ने हाई कोर्ट को लिखित में सूचना दी और केस से हट गए।
सूत्रों के मुताबिक, चार अन्य वकीलों ने भी पाठक की कंपनियों के मुकदमों से वकालतनामा वापस ले लिया है। यह मामला कटनी के आशुतोष उर्फ मनु दीक्षित की शिकायत से शुरू हुआ, जिन्होंने जनवरी 2025 में ईओडब्ल्यू को बताया कि पाठक से जुड़ी निर्मला मिनरल्स, आनंद माइनिंग कॉर्पोरेशन और पैसिफिक एक्सपोर्ट्स ने बड़े पैमाने पर अवैध खनन किया। जांच में आरोप सही पाए गए, और सरकार ने इन कंपनियों पर 443 करोड़ रुपये का जुर्माना ठोका।
इसके खिलाफ पाठक की कंपनियों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की, लेकिन जज से संपर्क का खुलासा होने के बाद मामला और गंभीर हो गया है। अब वकीलों के हटने से पाठक की कानूनी लड़ाई कमजोर पड़ती दिख रही है। यह घटना मध्य प्रदेश की राजनीति और न्यायपालिका की निष्पक्षता पर सवाल उठा रही है। विपक्ष ने भी इस मामले को जोर-शोर से उठाना शुरू कर दिया है।