गुना। मध्यप्रदेश के गुना जिले के छिकारी-चाकरी इलाके में वन भूमि पर कब्जे को लेकर मंगलवार को दो समुदायों के बीच खूनी झड़प हो गई। इस हिंसक विवाद में तीर-कमान, गोफन, पत्थर और हथियारों का इस्तेमाल हुआ, जिसमें 55 वर्षीय गंगाराम भील की सीने में तीर लगने से मौत हो गई। एक दर्जन से अधिक लोग घायल हुए हैं। विवाद के बाद गांव में तनाव का माहौल है, और पुलिस ने हालात काबू करने के लिए भारी बल तैनात किया है।
जानकारी के मुताबिक, बमौरी क्षेत्र के चाकरी गांव में भील और भिलाला समुदाय के बीच 60 हेक्टेयर वन भूमि पर कब्जे को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था। इस मुद्दे को सुलझाने के लिए मंगलवार को पंचायत बुलाई गई, लेकिन दोनों पक्ष अपनी-अपनी जमीन पर दावा छोड़ने को तैयार नहीं थे। बातचीत के दौरान माहौल गरमा गया, और देखते ही देखते 300-400 लोग आमने-सामने आ गए। पथराव शुरू हुआ, और कुछ लोगों ने तीर-कमान और हथियार निकाल लिए। इस हिंसा में गंगाराम भील की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए।
विवाद की सूचना मिलते ही एसडीएम, तहसीलदार, एसडीओपी और पुलिस की टीमें मौके पर पहुंचीं, लेकिन ग्रामीणों ने उन्हें गांव में घुसने से रोक दिया। रातभर पुलिस गांव के बाहर डटी रही। बुधवार को गांव के प्रमुख लोगों से बातचीत के बाद पुलिस ने प्रवेश किया और गंगाराम के शव को पोस्टमार्टम के लिए बमोरी अस्पताल भेजा। शव को निकालने में पुलिस को 16 घंटे से ज्यादा समय लगा।
कलेक्टर किशोर कुमार कन्याल ने बताया कि विवाद फतेहगढ़ और बमौरी के सेंटर पॉइंट पर हुआ, जहां भिलाला समुदाय खेती कर रहा था, और भील समुदाय भी उसी जमीन पर हक जता रहा था। उन्होंने कहा, “हालात नियंत्रण में हैं, लेकिन तनाव बरकरार है। हमारी टीमें मौके पर हैं, और कानून-व्यवस्था बनाए रखने की पूरी कोशिश की जा रही है।”
यह घटना वन भूमि पर अतिक्रमण और सामुदायिक विवादों की गंभीर समस्या को उजागर करती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन को पहले ही इस विवाद को सुलझाने के लिए कदम उठाने चाहिए थे। पुलिस ने घायलों का इलाज शुरू करवाया है और मामले की गहन जांच कर रही है। गांव में शांति बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।