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सतना में खाद संकट पर बवाल : केंद्रीय मंत्री शिवराज का काफिला रोका, कांग्रेस ने दिखाए काले झंडे

Satna News Union Minister Shivraj convoy stopped

Satna News : सतना। मध्यप्रदेश में खाद की कमी ने सियासत को गरमा दिया है। गुरुवार को केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) के सतना दौरे पर हंगामा मच गया। कांग्रेस विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा ने उनका काफिला रोक लिया और किसानों की समस्याओं पर तीखे सवाल दागे। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने काले झंडे लहराकर नारेबाजी की और खाद की किल्लत का मुद्दा जोर-शोर से उठाया। यह नजारा सतना के ट्रांसपोर्ट नगर में देखने को मिला, जहां माहौल गर्म हो गया।

दरअसल, शिवराज सिंह चौहान सतना में एक कार्यक्रम के लिए पहुंचे थे। लेकिन रास्ते में कांग्रेस विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा ने उनका काफिला रोककर खाद संकट पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सतना के किसान खाद के लिए सुबह से रात तक लाइनों में खड़े हैं, लेकिन फिर भी खाली हाथ लौट रहे हैं। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने काले झंडे दिखाकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इस दौरान शिवराज और विधायक के बीच तीखी बहस भी हुई।

खाद संकट ने बढ़ाया गुस्सा
पिछले कुछ समय से मध्य प्रदेश में खाद की भारी कमी है। सतना, रीवा, भिंड और अन्य जिलों में किसान यूरिया और डीएपी (डाई-अमोनियम फॉस्फेट) के लिए लंबी कतारों में खड़े हैं। कई बार तो पुलिस ने हंगामा होने पर लाठीचार्ज तक किया, जिससे किसानों का गुस्सा और भड़क गया। कांग्रेस ने इसे सरकार की नाकामी बताया और कहा कि किसानों को केवल वादे मिल रहे हैं, समाधान नहीं।

शिवराज का जवाब
शिवराज सिंह चौहान ने मौके पर किसानों को भरोसा दिलाया कि खाद की कमी जल्द दूर होगी। उन्होंने कहा, “किसानों की समस्या हमारी प्राथमिकता है। मैं राज्य सरकार और अधिकारियों से बात करूंगा ताकि खाद की आपूर्ति तुरंत हो।” उन्होंने यह भी दावा किया कि खाद की कोई कमी नहीं है, बस वितरण व्यवस्था में कुछ खामियां हैं, जिन्हें ठीक किया जा रहा है।

कांग्रेस का तंज: “सड़क पर उतरेंगे!”
कांग्रेस विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “कृषि मंत्री को खाद उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। अगर किसानों को राहत नहीं मिली, तो हम सड़कों पर बड़ा आंदोलन करेंगे।” उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार किसानों की अनदेखी कर रही है और केवल कागजी योजनाओं में उलझी है।

किसानों की पीड़ा
सतना और आसपास के इलाकों में किसान खाद के लिए घंटों इंतजार कर रहे हैं। कई जगहों पर खाद की कालाबाजारी की शिकायतें भी हैं। छोटे किसानों का कहना है कि बड़े किसानों को आसानी से खाद मिल रही है, लेकिन वे भटक रहे हैं। कुछ जगहों पर तो खाद के लिए आपस में झगड़े और पुलिस लाठीचार्ज तक की नौबत आ गई।

खाद संकट अब सिर्फ किसानों की समस्या नहीं, बल्कि सियासी जंग का मैदान बन गया है। कांग्रेस इसे बड़ा मुद्दा बनाने की तैयारी में है, जबकि सरकार जल्द से जल्द खाद आपूर्ति का वादा कर रही है। देखना होगा कि यह संकट कब तक सुलझता है और किसानों को कब राहत मिलती है।

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