Major accident in Neemuch : नीमच। मध्यप्रदेश के नीमच जिले के खिमला में गुरुवार सुबह एक दर्दनाक हादसे ने सबको हिलाकर रख दिया! ग्रीनको पावर जनरेशन प्रोजेक्ट की बस ने तीन मजदूरों को कुचल दिया। इस हादसे में एक मजदूर की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल हैं। गुस्साए ग्रामीणों ने बस में आग लगा दी और पावर प्लांट में घुसकर तोड़फोड़ की। नीमच-झालावाड़ मार्ग पर चक्काजाम से हालात तनावपूर्ण हो गए। आखिर क्या है पूरा मामला? आइए जानते हैं!
दरअसल, गुरुवार सुबह करीब 9:30 बजे खिमला में ग्रीनको पावर प्रोजेक्ट के पास यह हादसा हुआ। बाइक पर सवार तीन मजदूर—लच्छू राम (28), गोविंद (27) और अनिल मीणा (18)—काम पर जा रहे थे। तभी पावर प्लांट की एक बस ने उन्हें टक्कर मार दी। लच्छू राम की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि गोविंद और अनिल गंभीर रूप से घायल हो गए। दोनों को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी हालत नाजुक बताई जा रही है।
ग्रामीणों का गुस्सा फूटा
हादसे की खबर फैलते ही आसपास के गांवों से सैकड़ों लोग मौके पर जमा हो गए। गुस्साई भीड़ ने टक्कर मारने वाली बस में आग लगा दी। इसके बाद लोग पावर प्लांट में घुस गए और वहां जमकर तोड़फोड़ की। भीड़ ने नीमच-झालावाड़ मार्ग पर चक्काजाम कर दिया, जिससे कई गाड़ियां घंटों फंसी रहीं। ग्रामीणों का कहना है कि पावर प्लांट की लापरवाही और लगातार हादसों से वे तंग आ चुके हैं।
पुलिस ने संभाला मोर्चा
सूचना मिलते ही तहसीलदार मृगेंद्र सिसौदिया और रामपुरा थाना प्रभारी विजय सगारिया भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने भीड़ को शांत करने की कोशिश की और चक्काजाम हटवाया। हालात को काबू में करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया। प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है और बस ड्राइवर के खिलाफ कार्रवाई की बात कही जा रही है।
ग्रीनको प्रोजेक्ट और विवाद
खिमला में ग्रीनको पावर जनरेशन प्रोजेक्ट गांधीसागर जलाशय से 2000 मेगावाट बिजली उत्पादन के लिए बन रहा है। यह देश का सबसे बड़ा पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट है, जिसमें हजारों मजदूर काम कर रहे हैं। लेकिन पिछले कुछ समय से यहां सड़क हादसे और मजदूरों की मौत की घटनाएं बढ़ रही हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रोजेक्ट की गाड़ियां तेज रफ्तार में चलती हैं, जिससे आए दिन हादसे हो रहे हैं। गुरुवार का हादसा इस गुस्से का चरम था।
ग्रामीणों की मांग
आक्रोशित ग्रामीणों ने मांग की है कि मृतक के परिवार को उचित मुआवजा दिया जाए। साथ ही, घायलों के इलाज का पूरा खर्च प्रोजेक्ट प्रबंधन उठाए। वे चाहते हैं कि पावर प्लांट की गाड़ियों की रफ्तार पर नियंत्रण हो और सड़क सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे बड़ा आंदोलन करेंगे।