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MP के सीहोर में बुलडोजर एक्शन : मतांतरण के आरोपी जब्बार खान के घर पर प्रशासन की सख्त कार्रवाई

Bulldozer action in Sehor

Bulldozer action in Sehor : सीहोर। मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री मोहन यादव सरकार का बुलडोजर एक्शन थमने का नाम नहीं ले रहा। अवैध निर्माणों और आपराधिक गतिविधियों के खिलाफ सख्ती का सिलसिला जारी है। भोपाल के बाद अब सीहोर जिले में धर्मांतरण के आरोपी जब्बार खान के घर पर बुलडोजर चला है। सोमवार को हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी स्थित आरोपी के मकान की ऊपरी मंजिल को पोकलेन मशीन से ध्वस्त कर दिया गया।

नोटिस से बुलडोजर तक
नगर पालिका ने पहले जब्बार खान को भवन निर्माण की अनुमति प्रस्तुत करने के लिए नोटिस जारी किया था। 15 दिनों की मोहलत के बावजूद कोई अनुमति नहीं दिखाई गई, जिसके बाद यह एक्शन लिया गया। जांच में पता चला कि यह भूखंड मूल रूप से अशोक डाबी के नाम पर आवंटित था, जिसे जब्बार ने 2018 में खरीदा। आरोप है कि उसने बिना अनुमति ऊपरी तल पर अवैध निर्माण किया और इसी भवन में धर्मांतरण की गतिविधियां संचालित कीं।

प्रशासन की मौजूदगी में हुई कार्रवाई के दौरान इलाके में तनाव का माहौल रहा। बजरंग दल के कार्यकर्ता भी मौके पर पहुंचे और नारेबाजी की। हालांकि, भारी पुलिस बल की तैनाती से कोई अप्रिय घटना नहीं हुई।

धर्मांतरण का मामला: क्या है पूरा विवाद?
यह मामला अगस्त 2025 में तब सुर्खियों में आया जब ग्रामीण रमेशचंद्र मसुरे ने शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने आरोप लगाया कि जब्बार खान और उनकी पत्नी ताहिरा खान लोगों को ईसाई धर्म अपनाने के लिए लालच दे रहे थे। कोतवाली थाना पुलिस ने मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2021 की धारा 3/5 के तहत मामला दर्ज किया। अपराध क्रमांक 582/25 के तहत जांच में पाया गया कि आरोपी दबाव और प्रलोभन देकर मतांतरण करवा रहे थे।

इस घटना के दौरान एक पुलिसकर्मी भी आरोपी के घर पर मौजूद पाया गया, जिसे तुरंत सस्पेंड कर दिया गया। जब्बार और ताहिरा के खिलाफ FIR दर्ज है, और जांच जारी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसी गतिविधियां लंबे समय से चल रही थीं, लेकिन अब प्रशासन की सख्ती से राहत मिली है।

मोहन सरकार का ‘बुलडोजर जस्टिस’: अवैध निर्माण पर लगाम
मध्य प्रदेश में हाल के दिनों में अवैध निर्माणों पर बुलडोजर की कार्रवाई तेज हो गई है। भोपाल में रेप और धर्मांतरण के आरोपियों के घरों पर भी इसी तरह एक्शन लिया गया, जहां शाद और साहिल जैसे आरोपियों के मकान तोड़ दिए गए। सीहोर की यह कार्रवाई इसी कड़ी का हिस्सा है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह कदम न केवल कानून की सख्ती दिखाता है, बल्कि अवैध गतिविधियों पर नकेल कसने का संदेश भी देता है।

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