Shahdol News : शहडोल। मध्यप्रदेश के शहडोल जिले में किसानों के लिए निर्धारित खाद की अवैध बिक्री और परिवहन के खिलाफ प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है। कलेक्टर डॉ. केदार सिंह ने हाल ही में दो सरकारी कर्मचारियों को तत्काल निलंबित कर दिया, जो खाद की कालाबाजारी में संलिप्त पाए गए। यह कार्रवाई ब्यौहारी और आसपास के क्षेत्रों में की गई जांचों के दौरान सामने आई अनियमितताओं के आधार पर हुई है। कलेक्टर ने स्पष्ट संदेश दिया है कि किसानों के हितों की रक्षा के लिए ऐसी गड़बड़ियों पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी, और आगे भी सख्त निगरानी जारी रहेगी।
ब्यौहारी में यूरिया का अवैध परिवहन, गोदाम प्रभारी निलंबित
ब्यौहारी क्षेत्र में मध्य प्रदेश राज्य विपणन संघ के गोदाम से 69 बोरी यूरिया का अवैध परिवहन पकड़े जाने के बाद हड़कंप मच गया। जांच टीम ने पाया कि यह खाद मैहर जिले की ओर ले जाई जा रही थी, जहां इसे बाजार मूल्य से अधिक दामों पर बेचने की योजना थी। डबल लॉक सिस्टम के बावजूद यह गड़बड़ी कैसे हुई, इसकी पड़ताल में गोदाम प्रभारी केशरी प्रसाद पटेल की भूमिका संदिग्ध पाई गई। कलेक्टर डॉ. केदार सिंह ने तुरंत कार्रवाई करते हुए पटेल को निलंबित कर दिया और खाद को जब्त कर लिया।
कलेक्टर ने कहा, “किसानों को समय पर और सस्ते दामों पर खाद मिलना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। कालाबाजारी करने वाले चाहे कोई भी हों, उन्हें किसी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।” इस घटना ने स्थानीय स्तर पर किसानों में राहत की लहर पैदा कर दी है, जो पहले खाद की कमी और ऊंचे दामों से जूझ रहे थे।
दूसरी घटना शासकीय सिविल अस्पताल ब्यौहारी से जुड़ी है, जहां फार्मासिस्ट वरुण सिंह पर खाद की कालाबाजारी में लिप्त होने का आरोप लगा। तहसीलदार की सूचना पर पहुंची टीम को पता चला कि सिंह अस्पताल की आड़ में अवैध गतिविधियां चला रहे थे। जब छापा मारा गया, तो उन्होंने अधिकारियों पर दबाव डालने की कोशिश की ताकि खाद को बाहर निकाला जा सके। लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित करने पर कलेक्टर ने फौरन हस्तक्षेप किया और वरुण सिंह को निलंबित कर दिया।
कलेक्टर की चेतावनी – किसानों के हितों पर कोई समझौता नहीं
डॉ. केदार सिंह ने एक बयान में कहा, “खाद की कालाबाजारी किसानों की कमर तोड़ने वाली साजिश है। जिले में ऐसी अनियमितताओं की जड़ें खोजकर उखाड़ फेंकी जाएंगी।” उन्होंने किसानों को आश्वस्त किया कि पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध कराया जाएगा और निर्धारित दरों पर वितरण सुनिश्चित होगा। हाल ही में जिले में खाद वितरण की निगरानी के लिए विशेष टीम गठित की गई है, जो गोदामों और परिवहन पर कड़ी नजर रख रही है।
मध्य प्रदेश में खाद की कालाबाजारी एक लंबे समय से चली आ रही समस्या है, खासकर खरीफ और रबी सीजन में। हाल ही में सतना जिले में एक किसान की पिटाई का वीडियो वायरल होने से राजनीतिक विवाद भी भड़का है, जहां विधायक के समर्थकों पर आरोप लगा। विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा है, जबकि भाजपा ने किसानों को खाद उपलब्ध कराने के प्रयासों का दावा किया है। शहडोल की यह कार्रवाई राज्य स्तर पर एक मिसाल कायम कर सकती है, जहां सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के तहत खाद वितरण को पारदर्शी बनाने पर जोर दिया जा रहा है।