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MP News : शहडोल अस्पताल में गर्भवती महिला का अपमान, डॉक्टर-नर्सों पर लगे गंभीर आरोप, सीएमएचओ ने जांच टीम गठित की

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MP News : मध्यप्रदेश। शहडोल जिले के जिला अस्पताल में इन दिनों हंगामा मचा हुआ है। अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की लापरवाही से अस्पताल लगातार विवादों में घिरता जा रहा है। सही निगरानी की कमी के कारण एक के बाद एक नए मामले सामने आ रहे हैं। हाल ही में एक डॉक्टर को ऑपरेशन के नाम पर मरीज से पैसे मांगते हुए पकड़ा गया था। मीडिया में खबर छपने के बाद उसी डॉक्टर को मरीज का ऑपरेशन करना पड़ा। अब एक और शर्मनाक घटना ने सबको स्तब्ध कर दिया है, जहां एक गर्भवती महिला के साथ अभद्र व्यवहार किया गया।

गर्भवती महिला को भगाया गया, नर्सों ने की तीखी टिप्पणी
अनूपपुर जिले के भालूमाड़ा गांव के रहने वाले अफरोज अंसारी (40 वर्ष) ने अपनी गर्भवती पत्नी सिरीन अंसारी को प्रसव के लिए शहडोल जिला चिकित्सालय ले गए। लेकिन वहां पहुंचते ही उन्हें झिड़की और अपमान का सामना करना पड़ा। अफरोज ने कलेक्टर, कमिश्नर, डिप्टी सीएम और प्रदेश स्तर तक लिखित शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत के अनुसार, पर्ची कटवाने के बाद इमरजेंसी में कोई डॉक्टर नहीं था। अफरोज अपनी पत्नी को मित्र न्याज और चाची के साथ डिलीवरी वार्ड ले गए, जहां सिरीन दर्द से तड़प रही थीं।

वार्ड में मौजूद डॉक्टर और दो नर्सों ने नाराजगी जताई। चेकअप के बाद एक नर्स ने तंज कसते हुए कहा, “रात में सोते समय दिमाग खराब करने चले आते हो, दिन में समय नहीं मिलता क्या?” फिर नर्स ने साफ कहा कि डिलीवरी ऑपरेशन से होगी, लेकिन अस्पताल में ऐसी सुविधा नहीं है। इसलिए मरीज को प्राइवेट अस्पताल ले जाने की सलाह दी गई। इस अपमानजनक व्यवहार से आहत अफरोज ने तुरंत सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत की और पत्नी को निजी अस्पताल ले गए। वहां सुबह 4 बजे प्रसव सफलतापूर्वक हो गया। अफरोज का कहना है कि थोड़ी देरी होती तो पत्नी की जान भी जा सकती थी। उन्होंने ड्यूटी डॉक्टर, नर्सों और सिविल सर्जन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

सीएमएचओ ने की जांच का ऐलान
इस मामले ने जिला प्रशासन को हिलाकर रख दिया है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजेश मिश्रा ने गुरुवार सुबह बताया कि शिकायत उनके ध्यान में आ गई है। उन्होंने तीन सदस्यीय जांच टीम का गठन कर दिया है, जो सात दिनों के अंदर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। डॉ. मिश्रा ने कहा कि रिपोर्ट आने के बाद अगर कोई दोषी पाया गया, तो डॉक्टरों और कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई होगी।
यह घटना शहडोल अस्पताल की खराब व्यवस्था को उजागर करती है। क्या जांच से दोषियों को सजा मिलेगी या यह भी पुरानी खबर बन जाएगी? जिले के लोग अब सच्चाई का इंतजार कर रहे हैं।

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