Gold mine in Singrauli : मध्यप्रदेश का सिंगरौली जिला, जो ‘ऊर्जांचल’ के नाम से जाना जाता है, कोयला खदानों और तापीय बिजली संयंत्रों की वजह से हमेशा चर्चा में रहता है। अब यह इलाका सोने की चमक से जगमगा रहा है। चितरंगी क्षेत्र के चकरिया गोल्ड ब्लॉक में हजारों टन सोने का भंडार मिलने से सिंगरौली सुर्खियों में छा गया है। इस खदान का ठेका 5 साल के लिए अडानी ग्रुप की सहयोगी कंपनी गरिमा नेचुरल रिसोर्सेज प्राइवेट लिमिटेड को सौंपा गया है, जो राज्य के लिए खुशहाली की नई उम्मीद जगा रही है।
जिला खनिज अधिकारी आकांक्षा पटेल ने इस खोज की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि पिछले एक साल से चकरिया क्षेत्र में ड्रिलिंग का काम चल रहा था। इस सर्वे से साफ हो गया कि यहां 18 हजार 356 टन (यानी 1 करोड़ 83 लाख 56 हजार ग्राम) सोना छिपा है। कंपनी को 23 हेक्टेयर जमीन पर 5 साल के लिए खनन का अधिकार मिला है। इससे मध्य प्रदेश को लंदन गोल्ड मार्केट की अंतरराष्ट्रीय दरों पर करोड़ों रुपये का राजस्व मिलेगा। पटेल ने कहा कि यह खोज न सिर्फ आर्थिक तौर पर मजबूत करेगी, बल्कि स्थानीय लोगों को हजारों नौकरियां भी देगी।
सिंगरौली में पहले से 11 कोयला खदानें चल रही हैं, जो इस सोने के प्रोजेक्ट को और मजबूत आधार देंगी। ऊर्जा का केंद्र अब खनिज संपदा का नया अध्याय लिखने को तैयार है।
‘खनन में नया इतिहास रच रहा MP’
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस उपलब्धि की खुलकर सराहना की। उन्होंने कहा कि चकरिया गोल्ड ब्लॉक की पहली ई-नीलामी से मध्य प्रदेश खनन क्षेत्र में नया इतिहास रच रहा है। सीएम ने उम्मीद जताई कि इससे रिफाइनिंग, लॉजिस्टिक्स और जुड़े उद्योगों में निवेश बढ़ेगा। यह स्थानीय अर्थव्यवस्था को पंख देगा और विकास की रफ्तार तेज करेगा। यादव का यह बयान राज्य सरकार की खनन नीतियों पर भरोसा जगाता है।
गरिमा नेचुरल रिसोर्सेज प्राइवेट लिमिटेड 2010 में छत्तीसगढ़ के रायपुर में रजिस्टर्ड हुई एक प्राइवेट कंपनी है। यह मुख्य रूप से खनन और क्वारिंग सेक्टर में सक्रिय है। अडानी ग्रुप की इस सहयोगी इकाई को अब सिंगरौली का यह सुनहरा मौका मिला है, जो ग्रुप की खनन क्षमता को और मजबूत करेगा।
यह खोज सिंगरौली को ऊर्जा से आगे सोने की चमक वाली जगह बना रही है। अब सबकी नजरें इस प्रोजेक्ट पर टिकी हैं, जो न सिर्फ राज्य की तिजोरी भरेगी, बल्कि हजारों परिवारों के सपनों को भी रंगीन करेगी।