No Car Day : इंदौर। मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर ने आज ‘नो कार डे’ के रूप में एक अनूठा उदाहरण पेश किया। इस खास मौके पर शहर के कलेक्टर से लेकर महापौर तक ने कार को छोड़कर साइकिल, स्कूटी और पब्लिक ट्रांसपोर्ट को अपनाया। इंदौर कलेक्टर ने स्कूटी की सवारी की, तो वहीं महापौर पुष्यमित्र भार्गव साइकिल चलाकर नगर निगम कार्यालय पहुंचे। दोनों ने न केवल पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया, बल्कि शहरवासियों से कार के बजाय टू-व्हीलर या सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने की अपील भी की।
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने बीते दिनों शहरवासियों से ‘नो कार डे’ मनाने का आह्वान किया था। उनका मकसद था वाहनों की भीड़ और वायु प्रदूषण से होने वाले स्वास्थ्य जोखिमों को कम करना, साथ ही पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देना। उन्होंने कहा, “हमारा इंदौर स्वच्छता में नंबर वन है, अब ट्रैफिक सुधार और पर्यावरण संरक्षण में भी देश का सबसे आगे रहने वाला शहर बनाना है।” इस पहल का उद्देश्य न केवल पर्यावरण की रक्षा करना है, बल्कि मानसिक तनाव और सड़क पर जाम की समस्या से निजात दिलाना भी है।
‘नो कार डे’ के तहत सुबह 7 बजे पलासिया से राजबाड़ा और फिर वापस पलासिया तक एक भव्य साइक्लोथॉन का आयोजन हुआ, जिसमें सैकड़ों लोग शामिल हुए। इसके बाद सुबह 8:30 बजे से दोपहर 2 बजे तक पलासिया से गीता भवन के बीच ‘नो कार जोन’ बनाकर ओपन स्ट्रीट ट्रैफिक कार्निवल मनाया गया। इस दौरान सड़कों पर कारों की जगह साइकिल और पैदल चलने वालों का मेला सजा। पिछले साल इस पहल के दौरान वायु प्रदूषण में उल्लेखनीय कमी देखी गई थी, और इस बार भी शहरवासियों ने इसे उत्साहपूर्वक अपनाया।
इंदौर, जो पहले ही स्वच्छता में देशभर में अव्वल रहा है, अब पर्यावरण और ट्रैफिक प्रबंधन में भी मिसाल कायम कर रहा है। कलेक्टर और महापौर की इस पहल ने न केवल आम नागरिकों को प्रेरित किया, बल्कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट और टू-व्हीलर के उपयोग को बढ़ावा देने की दिशा में एक सकारात्मक संदेश दिया।