Narsinghpur News : नरसिंहपुर। मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले में सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को जिला कलेक्टर को तीन अलग-अलग ज्ञापन सौंपे, जो प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और कलेक्टर के नाम संबोधित थे। इन ज्ञापनों के माध्यम से जिले की सभी तहसीलों में गोचर भूमि और ग्राम पंचायत के तालाबों से अवैध अतिक्रमण हटाने की जोरदार मांग की गई।
कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी कि बेसहारा गौवंश सड़कों पर भटक रहे हैं, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ रहा है। साथ ही, गौशालाओं में भी उचित व्यवस्था न होने का मुद्दा उठाया।
700 एकड़ पर अवैध खेती
प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन में शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाकर बेघर परिवारों को आवासीय पट्टे उपलब्ध कराने की अपील की गई। कार्यकर्ताओं के अनुसार, जिले की कई ग्राम पंचायतों में करीब 700 एकड़ सरकारी जमीन पर प्रभावशाली लोगों ने कब्जा जमाया हुआ है। इन भूमियों पर अवैध खेती की जा रही है, जो गरीबों के हक पर डाका डाल रही है। उन्होंने प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की, ताकि विस्थापित परिवारों को न्याय मिल सके।
294 हेक्टेयर चारागाह पर भूमाफियाओं का कब्जा
मुख्यमंत्री को सौंपे ज्ञापन में गाडरवारा तहसील के ग्राम बरेली का विशेष मुद्दा उठाया गया। यहां 294.15 हेक्टेयर शासकीय चारागाह भूमि पर भूमाफियाओं ने अवैध कब्जा कर लिया है। इन कब्जों के जरिए नलकूप खोदे गए हैं और गन्ना व मक्का जैसी फसलों की खेती शुरू हो चुकी है। इतना ही नहीं, नदी तक पहुंचने का पारंपरिक रास्ता भी बंद कर दिया गया है, जिससे स्थानीय किसानों और ग्रामीणों को भारी परेशानी हो रही है।
गोवंश संरक्षण के लिए कार्ययोजना की मांग
कार्यकर्ताओं ने कलेक्टर को संबोधित ज्ञापन में गोचर भूमि का संरक्षण सुनिश्चित करने और गौवंशों की देखभाल के लिए ठोस कार्ययोजना बनाने की अपेक्षा जताई। उन्होंने कहा कि सड़कों पर घूमने वाले बेसहारा पशुओं के कारण वाहन दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं, और गौशालाओं की बदहाली ने समस्या को और गंभीर बना दिया है। प्रशासन से तालाबों और सरकारी संपत्तियों से अतिक्रमण हटाने की फौरी कार्रवाई की गुजारिश की गई।
ज्ञापन सौंपने के अवसर पर सामाजिक कार्यकर्ता बाबू पटेल, रितेश कौरव, चंद्रभान बड़कुर, देवेंद्र दुबे, अंशिका दुबे, भरत कौरव, चंद्रकुमार सुरैया, मकरंद, सोहन कहार, लीलाधर और समीर खान सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। कार्यकर्ताओं ने आश्वासन मांगा कि इन मुद्दों पर शीघ्र कार्रवाई हो, अन्यथा आंदोलन की चेतावनी दी। जिला प्रशासन ने ज्ञापनों को संज्ञान में लेते हुए उचित स्तर पर भेजने का वादा किया है।