MP High Court Decision : मध्यप्रदेश। हाई कोर्ट द्वारा दो बच्चियों के डबल मर्डर केस में सुनवाई के बाद आरोपी चाचा को निर्दोष करार दिया गया। आरोपी चाचा को भतीजियों के मर्डर केस में मृत्युदंड की सजा हुई थी। इसके खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। हाई कोर्ट जस्टिस विवेक अग्रवाल व जस्टिस एके सिंह की युगलपीठ का कहना है कि, ‘पुलिस जांच में गंभीर खामियां और गवाहों के बयान में विस्संगतियां पाई गई है।’
एमपी हाई कोर्ट ने पाया कि, सजा पाने वाले व्यक्ति ने बच्चियों को मौत से 12 घंटे पहले देखा था। अदालत ने सजा पाए व्यक्ति को दोषमुक्त तो किया ही साथ ही साथ पुलिस को आदेश दिया कि, हर्जाने के रूप में उसे एक लाख रुपए दिए जाएं। युगलपीठ ने आदेश में कहा कि, “ये राशि बालाघाट पुलिस अधीक्षक जांच अधिकारियों से वसूल की जा सकती है।”
घटना 5 अप्रैल 2022 को बालाघाट के तिरोड़ी थाना क्षेत्र के गांव चिटकादेवरी के नहर के पास हुई थी। यहां नहर में दो मासूम बहनों के शव मिले थे। एक बच्ची की उम्र 3 साल थी वहीं दूसरी बच्ची की उम्र 6 साल थी। पुलिस की जांच यह कहती है कि, पहले बच्चियों के साथ दुष्कर्म किया गया इसके बाद उनकी हत्या कर दी गई। यह घटना तब हुई जब बच्चियां घर पर अकेली थीं और उनके माता – पिता रिश्तेदारी में गए थे।
पुलिस ने बच्चियों के अपहरण और हत्या के आरोप में पड़ोस में रहने वाले चाचा गिरधारी सोनवाने को गिरफ्तार किया था। आरोप लगाए गए थे कि, बच्चियों के पिता और उसके बीच संपत्ति विवाद था। वह जादू – टोना भी किया करता था। वह बच्चियों को बहला फुसलाकर जंगल में ले गया। यहां उनके साथ दुष्कर्म किया और शव नहर में फेंक दिए। आरोपी को 4 अप्रैल की सुबह लगभग 10.30 मोटरसाइकिल से दोनों बच्चियों को बैठाकर ले जाते हुए अंतिम बार लोगों ने देखा था। यह बात भी पुलिस की जांच में सामने आई।
वारासिवनी अदालत ने आरोपी को विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराते हुए मृत्युदंड सहित अन्य सजाओं से दंडित किया था।