Tomato Virus : मध्यप्रदेश। भोपाल में कई स्कूली बच्चे ‘टमाटर वायरस’ नामक एक वायरल संक्रमण से पीड़ित पाए गए, जिसके बाद स्कूलों ने गुरुवार को अभिभावकों को इसके प्रसार के बारे में आगाह किया।
टमाटर वायरस क्या है?
इस बीमारी को चिकित्सकीय रूप से हैंड, फुट एंड माउथ डिजीज (HFMD) कहा जाता है, जिससे हाथों, पैरों, तलवों, गर्दन के नीचे और मुंह के अंदर लाल चकत्ते पड़ जाते हैं। ये चकत्ते बाद में छालों में बदल जाते हैं। बच्चों को खुजली, जलन, बुखार, गले में खराश और दर्द भी होता है।
यह संक्रमण एक बच्चे से दूसरे बच्चे में आसानी से फैलता है। इसलिए, स्कूलों ने अभिभावकों को सलाह दी है कि वे ऐसे लक्षणों वाले बच्चों को घर पर ही रखें ताकि आगे संक्रमण न फैले।
बाल रोग विशेषज्ञों ने बताया कि यह बीमारी इचिनोकोकस और कॉक्ससैकी वायरस के कारण होती है। यह छह महीने से 12 साल की उम्र के बच्चों में सबसे आम है। उन्होंने आगे बताया कि HFMD आमतौर पर एक हफ्ते से 10 दिनों में अपने आप ठीक हो जाता है और यह कोई गंभीर स्वास्थ्य खतरा नहीं है।
यह वायरस मुख्यतः शौचालय के बाद हाथ ठीक से न धोने और साफ़-सफ़ाई की कमी के कारण फैलता है।
यह संक्रमित बच्चे से खाँसी, छींक की बूंदों या लार जैसे शरीर के तरल पदार्थों के माध्यम से भी फैल सकता है। संक्रमण के 3 से 6 दिनों के भीतर लक्षण दिखाई देते हैं।
डॉक्टरों ने चिंता व्यक्त की है कि एचएफएमडी के लिए कोई विशिष्ट दवा नहीं है और हृदय, फेफड़े या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं वाले बच्चों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दी है।
केरल में टमाटर फ्लू –
केरल में भी 2022 में इसी तरह के टमाटर फ्लू के 80 मामले सामने आए हैं। इससे बच्चे के शरीर पर लाल चकत्ते पड़ गए, इसलिए इसका नाम ‘टमाटर फ्लू’ रखा गया। हालाँकि, फ्लू के कारणों का पता नहीं चल सका है।