Bhoj Wetland : मध्यप्रदेश। भोज वेटलैंड को भोपाल में बड़े तालाब के रूप में भी जाना जाता है। यहां लगातार बढ़ रहे अतिक्रमण से एनजीटी नाराज है। बढ़ रहे अतिक्रमण और प्रदूषण को देखते हुए एनजीटी ने एमपी सरकार को फटकार लगाई है। ट्रिब्यूनल ने यहां तक कह दिया कि, ‘सरकार का काम याचिकाकर्ता कर रहे हैं, अधिकारी बस फाइलें आगे बढ़ा रहे हैं।’
पर्यावरण संरक्षण और संतुलन से जुड़ा गंभीर मसला –
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने सुनवाई के दौरान कहा कि, वेटलैंड रूल 2017 का रूल-4, पूरे मध्यप्रदेश की सभी वाटर बॉडी में लागू किया जाना चाहिए। इस दौरान सरकारी पक्ष के वकील ने कहा कि, पिटीशनर अदालत को भ्रमित कर रहे हैं। ट्राइब्यूनल ने साफ़ किया कि, अतिक्रमण और प्रदूषण का मामला सिर्फ कागजों में निपटने वाला नहीं है। यह पर्यावरण संरक्षण और संतुलन से जुड़ा गंभीर मसला है।
राशिद नूर खान बनाम कलेक्टर –
एनजीटी ने मुख्य सचिव को 8 हफ्ते के भीतर एमपी के सभी तालाबों का सर्वे और रिपोर्ट तैयार कर पेश करने का निर्देश दिया है। मामला राशिद नूर खान बनाम कलेक्टर, भोपाल एवं अन्य की सुनवाई से जुड़ा है।
सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो…
जस्टिस शिव कुमार सिंह ने सरकार के वकील से कहा कि, यह दिखावे का समय नहीं है। सरकार को तय करना होगा कि, वेटलैंड को बचाना चाहते हैं या औपचारिकता पूरी करना हैं। यदि अगली सुनवाई तक सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो ट्रिब्यूनल खुद कोई एक्शन लेगा।