Jabalpur News: मध्य प्रदेश एटीएस टीम ने आतंकवाद विरोधी अभियान के तहत बड़ी कार्रवाई की है। टीम ने तीन अफगानी नागरिकों को गिरफ्तार कर लिया है। इन तीनों नागरिकों का नाम याकूब खान, मोहम्मद यूनुस और अब्दुल खान बताया जा रहा है। ये सभी अफगानी नागरिक फर्जी भारतीय दस्तावेजों के आधार पर जबलपुर में रह रहे थे। ये लोग कंबल बेचने के धंधे की आड़ में पिछले कई वर्षों से इलाके में सक्रिय थे।
एटीएस अधिकारियों के मुताबिक यह कार्रवाई अफगान नागरिक सोहबत खान से पूछताछ में हुए खुलासे के आधार पर की गई। सोहबत को 1 अगस्त को छोटी ओमती क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया था। जब उसने सोशल मीडिया पर पिस्टल के साथ फोटो पोस्ट की थी। एटीएस ने उस पर करीब एक हफ्ते तक निगरानी रखी थी। जांच में सामने आया कि सोहबत ने न सिर्फ खुद के बल्कि कई अफगानियों के फर्जी पासपोर्ट भी बनवाए थे।
किराये के मकान में रहते थे आरोपी
मिली जानकारी के मुताबिक़ पकड़े गए तीनों अफगानी छोटी ओमती और आठ नल इलाके में किराए के मकान में रहते थे। शुरुआती जांच में खुलासा हुआ कि इनके पास भारतीय पासपोर्ट और अन्य दस्तावेज भी मौजूद हैं। अब तक एटीएस जबलपुर से छह अफगानी नागरिकों को पकड़ चुकी है। इनमें कुछ स्थानीय लोग भी शामिल हैं जिन्होंने पासपोर्ट बनवाने में मदद की। इस मामले में विजयनगर निवासी दिनेश गर्ग और कटंगा रोड निवासी महेंद्र कुमार को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
कई अन्य अफगानी नागरिक पहचान छुपाकर रह रहे हैं
सूत्रों से आई जानकारी के मुताबिक़ सोहबत 2015 में पश्चिम बंगाल से होते हुए भोपाल और फिर जबलपुर आया था। यहीं उसने एक महिला से निकाह कर बसने का रास्ता ढूंढ लिया। इसी दौरान उसने अन्य अफगानियों के लिए भी जाली दस्तावेज तैयार करवाए। जांच में यह भी सामने आया है कि मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के कई जिलों में 20 से ज्यादा अफगानी नागरिक अपनी पहचान छिपाकर रह रहे हैं।
इसके अलावा हिरासत में लिए गए याकूब खान करीब 15 साल पहले अपने दादा के साथ भारत आया था। उसके बाद यूनुस और अब्दुल भी भारत पहुँचे और दोनों ने भारतीय पासपोर्ट बनवा लिया। याकूब सतपुला क्षेत्र में कंबल बेचने का काम करता रहा है।
इन सब की गिरफ्तारी के बार एटीएस की टीम यह पता लगाने में लगी है कि और कितने अफगानी नागरिक फर्जी दस्तावेज बनवाकर प्रदेश भर में रह रहे हैं।