सिवनी: सिवनी के पेंच टाइगर रिजर्व में इन दिनों हाथियों की सेहत पर खास ध्यान दिया जा रहा है। यहां 11 विभागीय हाथियों के लिए रेजुविनेशन कैंप शुरू किया गया है, जो 25 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान हाथियों को आराम, देखभाल और पौष्टिक खाना दिया जा रहा है l जिससे वे फिर से पूरी ताकत और जोश के साथ जंगल की ड्यूटी निभा सकें।
कैंप में हर सुबह हाथियों को अच्छे से नहलाया जाता है। नहाने के बाद उनके पैरों और सिर की मालिश नीम के तेल से की जाती है l जिससे उन्हें सुकून भी मिलता है और त्वचा संबंधी बीमारियों से बचाव भी होता है। खाने में इन हाथियों को केला, नारियल, चना, गुड़ और नमक जैसे पौष्टिक आहार दिए जाते हैं। इसके अलावा गन्ना, अनानास, आम, पपीता और नाशपाती जैसे मौसमी फल भी शामिल हैं। मक्के के हरे पौधे भी उन्हें खिलाए जाते हैं, जिन्हें हाथी बड़े चाव से खाते हैं।
कैंप का लिया जाता है जायजा
वरिष्ठ वन्यप्राणी चिकित्सक डॉ. अखिलेश मिश्रा खुद कैंप का जायजा लेते हैं। वे महावतों और चाराकटरों से हाथियों की सेहत की जानकारी लेते रहते हैं और ज़रूरी निर्देश भी देते हैं। इससे सुनिश्चित होता है कि हाथियों को सही देखभाल और दवाइयाँ समय पर मिलें।
हाथियों के नाम हैं बेहद रोचक
पेंच नेशनल पार्क के डिप्टी डायरेक्टर रजनीश कुमार सिंह के मुताबिक रिजर्व में इस वक्त 7 वयस्क नर हाथी, 3 मादा और एक नौ महीने का नर बच्चा है। इन हाथियों के नाम भी बड़े रोचक हैं l जिनमें नर हाथियों में जंग बहादुर, गणेश, जनरल करियप्पा, जनरल थिम्मैया, लव, माश्ती और शुभ बच्चा शामिल हैं। वहीं मादा हाथियों के नाम सरस्वती, शेरोन और दामिनी रखे गए हैं।
हाथियों के लिए फायदेमंद है कैंप
कैंप के दौरान इन हाथियों को जंगल की निगरानी और गश्त जैसे कामों से पूरी तरह आराम दिया गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह का रेजुविनेशन कैंप न सिर्फ हाथियों को सुकून देता है बल्कि उनकी कार्यक्षमता भी बढ़ाता है। कैंप खत्म होने के बाद यानी 25 अगस्त से ये हाथी फिर से जंगल में लौटकर पर्यावरण सुरक्षा और गश्त के काम में सक्रिय हो जाएंगे।
पेंच टाइगर रिजर्व का यह पहल वन्यजीव संरक्षण के साथ-साथ हाथियों की भलाई की दिशा में भी एक सराहनीय कदम माना जा रहा है।