Police Blackmailing Case : भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में सालों पुराना एक चौंकाने वाला मामला फिर सुर्खियों में है। चर्चित थाना इंस्पेक्टर (टीआई) हाकम सिंह पंवार की खुदकुशी के केस (TI Hakam Singh Panwar suicide case) में करीब साढ़े तीन साल बाद बड़ा एक्शन लिया गया है। सरकार ने आरोपी महिला असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर (एएसआई) रंजना खांडे को पुलिस की नौकरी से बर्खास्त कर दिया। जांच में साफ हो गया कि रंजना ने टीआई को बुरी तरह ब्लैकमेल किया था, जिससे विभाग की इमेज को गहरा धक्का लगा। बर्खास्तगी से पहले रंजना धार जिले में तैनात थी।
क्या है मामला –
ये केस जून 2022 का है, जब भोपाल के श्यामला हिल्स थाने के टीआई हाकम सिंह पंवार इंदौर पहुंचे। वो रीगल चौराहे के पुलिस कंट्रोल रूम के पास महिला एसआई रंजना खांडे के साथ कॉफी पी रहे थे। अचानक दोनों में किसी मुद्दे पर झगड़ा हो गया और टीआई ने अपनी सर्विस रिवॉल्वर से फायर कर दिया। बाहर से दो गोलियों की आवाज सुनकर साथी पुलिस वाले दौड़े-भागे आए। मौके पर पहुंचे तो कार के पास टीआई और रंजना खून से लथपथ पड़े थे।
पहले तो लगा कि किसी हमलावर ने गोली चलाई है लेकिन करीब जाकर सच्चाई पता चली। टीआई के पैरों के पास उनकी रिवॉल्वर गिरी हुई थी। जब रंजना को हिलाया तो वो उठकर सड़क पर आ गई। दोनों को फौरन अस्पताल ले जाया गया, जहां टीआई की मौत हो गई, जबकि रंजना कान के पास से गोली निकलने की वजह से बच गई।
दो जांचों ने खोली पोल –
इस घटना के बाद मामले की दो बार गहन जांच हुई। शुरुआत में टीआई के परिवार ने रंजना पर ब्लैकमेलिंग के संगीन इल्जाम लगाए, जिसके चलते उसके खिलाफ केस दर्ज हुआ और गिरफ्तारी भी। पहली जांच स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) ने की, जिसमें रंजना को दोषी ठहराते हुए सिर्फ एक साल की सैलरी बढ़ोतरी रोकने की हल्की सजा दी गई। लेकिन तत्कालीन पुलिस कमिश्नर संतोष सिंह इस रिपोर्ट से खुश नहीं थे।
एडिशनल पुलिस कमिश्नर आरके सिंह ने कमान संभाली –
फिर हाई-लेवल जांच हुई, जिसमें एडिशनल पुलिस कमिश्नर आरके सिंह ने कमान संभाली। इस जांच में खुलासा हुआ कि रंजना लगातार टीआई को ब्लैकमेल करके तंग कर रही थी। जांच अधिकारी ने माना कि ऐसे हरकतों से पुलिस जैसे सख्त विभाग की साख पर बुरा असर पड़ा है। इसी रिपोर्ट पर आधारित सिफारिश को सरकार ने मंजूर किया और रंजना को नौकरी से बाहर का रास्ता दिखा दिया।