Balaghat News : बालाघाट। मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह से तहस-नहस कर दिया है। इस साल अब तक जिले में 44 इंच बारिश दर्ज की गई है, जो पिछले साल की तुलना में 6 इंच अधिक है। भारी बारिश ने सड़कों को नदियों में तब्दील कर दिया है, जिससे यातायात ठप हो गया है और लोग रोजमर्रा की जिंदगी में भारी मुश्किलों का सामना कर रहे हैं।
जलभराव ने मचाई तबाही: पंचायत भवन और स्कूल डूबे
लालबर्रा तहसील के ग्राम पंचायत बांदरी में तालाब की मेड़ टूटने से हालात बेकाबू हो गए हैं। पंचायत भवन, माध्यमिक शाला और निर्माणाधीन सामुदायिक स्वास्थ्य भवन में 1 से 1.5 फुट तक पानी भर गया है। गांव में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं, और प्रशासन ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है। पंचायत सरपंच ने जेसीबी की मदद से जलभराव वाले इलाकों में नाले बनाने की कवायद शुरू की है, लेकिन पानी का रौद्र रूप कम होने का नाम नहीं ले रहा।
सड़कें बनीं नदियां, कई मार्ग बंद
पिछले 24 घंटों में जिले में डेढ़ इंच से अधिक बारिश ने कहर बरपाया है। बिरसा क्षेत्र में सबसे ज्यादा चार इंच बारिश दर्ज की गई। भंडारपुर-चारटोला, जानपुर-करहू, और बाकीगुडा-पल्हेरा मार्गों पर बने पुलों पर पानी का तेज बहाव होने से ये रास्ते पूरी तरह बंद कर दिए गए हैं। ग्रामीण इलाकों में आवागमन ठप होने से लोग अपने घरों में कैद हो गए हैं।
भीमगढ़ बांध से छोड़ा गया पानी
सिवनी जिले के भीमगढ़ बांध से स्थिति को नियंत्रित करने के लिए 3 सितंबर की सुबह 9 बजे से वैनगंगा नदी में 21 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। बांध के चार गेटों को एक-एक मीटर खोलकर जलस्तर को नियंत्रित करने की कोशिश की जा रही है। लेकिन नदी के बढ़ते जलस्तर ने आसपास के इलाकों में बाढ़ का खतरा और बढ़ा दिया है।
बालाघाट में बारिश का यह कहर कब थमेगा, यह कहना मुश्किल है। प्रशासन और स्थानीय लोग मिलकर हालात को संभालने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन प्रकृति की इस मार के आगे सभी बेबस नजर आ रहे हैं।