Balaghat News: प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना का मकसद गरीबों को पक्का मकान मुहैया कराना है लेकिन कई लोगों ने इस योजना का गलत फायदा उठाया। वारासिवनी नगर पालिका परिषद के तहत दर्जनों कच्चे मकान धारकों को इस योजना से लाभ मिला। इनमें से कई लाभार्थियों को एक से ढाई लाख रुपये तक की राशि दी गई ताकि वे अपने लिए पक्का मकान बना सकें। लेकिन हकीकत यह है कि करीब 85 हितग्राहियों ने पैसे तो ले लिए पर मकान बनाने की जगह राशि का इस्तेमाल दूसरी जगह कर डाला।
प्रशासन ने दिखाई सख्ती
अब प्रशासन ने ऐसे लोगों पर सख्ती दिखानी शुरू कर दी है। एसडीएम कार्यालय से सभी 85 हितग्राहियों को नोटिस जारी कर दिया गया है। नोटिस में साफ लिखा गया है कि 10 दिनों के भीतर वे पूरी रकम लौटा दें। अगर तय समय सीमा में पैसे वापस नहीं किए जाते तो प्रशासन आरआरसी के तहत वसूली करेगा और जरूरत पड़ने पर कुर्की की कार्रवाई भी की जाएगी।
इन 85 लोगों पर कुल मिलाकर एक करोड़ 18 लाख रुपये की वसूली होनी है। नगर पालिका ने 5 डीपीआर के जरिए इन हितग्राहियों को योजना का पैसा दिया था। लेकिन जब जांच हुई तो सामने आया कि न तो मकान बने और न ही पैसे का हिसाब-किताब सही मिला। इसके बाद सभी नाम एसडीएम कार्यालय को भेजे गए।
12 हितग्राहियों ने रकम लौटाई
अधिकारियों के मुताबिक अब तक 12 हितग्राहियों ने रकम लौटा दी है। बाकी लोगों को अंतिम चेतावनी दी गई है कि अगर वे भी पैसे जमा कर देंगे तो उन पर कोई कार्रवाई नहीं होगी। लेकिन जो लोग टालमटोल करेंगे, उनके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। प्रभारी सीएमओ सूर्यप्रकाश उके ने बताया कि यह योजना गरीब परिवारों के लिए है, ताकि वे झोपड़ी से निकलकर पक्के मकान में रह सकें। लेकिन कुछ लोगों ने सरकारी मदद का गलत इस्तेमाल किया। ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई जरूरी है, ताकि बाकी लोग भी सबक लें और भविष्य में योजना का सही लाभ सिर्फ जरूरतमंदों तक पहुंचे।