Chhindwara News : छिंदवाड़ा, मध्यप्रदेश। जिले में बच्चों में किडनी संबंधी बीमारी के प्रकरणों के संबंध में बीते दिन कलेक्टर शीलेंद्र सिंह ने मिनी सभाकक्ष में एक महत्वपूर्ण बैठक ली। बैठक में सीईओ जिला पंचायत अग्रिम कुमार, सीएचएमओ डॉ. नरेश गोन्नाडे, डीन मेडिकल कॉलेज डॉ. अभय कुमार सिन्हा, अन्य डॉक्टर्स, ड्रग्स इंस्पेक्टर एवं अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
कलेक्टर सिंह ने सीएमएचओ को लगातार इन प्रकरणों की पुख्ता मॉनिटरिंग के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि पूरी तरह से प्रोएक्टिव होकर काम करें, ताकि किसी भी स्थिति को गंभीर होने से रोका जा सके। जरूरत पड़ने पर मरीजों को नागपुर स्थित एम्स अस्पताल रेफर किया जाए।
कलेक्टर सिंह ने कहा कि फिलहाल कोल्डरिफ एवं नेस्टो डीएस सिरप का उपयोग पूरी तरह से बंद किया जाए। उन्होंने मेडिकल संचालकों को भी निर्देशित किया कि बच्चों को कॉम्बिनेशन वाले सिरप न दें, केवल साधारण प्लेन सिरप ही उपलब्ध कराएं। बैठक में डॉक्टरों द्वारा जानकारी दी गई कि कुछ परिजन बच्चों का इलाज झोला छाप डॉक्टरों से करा रहे हैं, जहां गलत दवाओं के उपयोग से स्थिति बिगड़ रही है।
अभिभावकों से कलेक्टर ने की विशेष अपील –
बिना प्रिस्क्रिप्शन के बच्चों को दवा न दें।
सर्दी-खांसी होने पर बच्चों को तुरंत नजदीकी सरकारी अस्पताल लेकर जाएं।
झोला छाप डॉक्टरों से इलाज बिल्कुल न कराएं।
हर 6 घंटे में ध्यान रखें कि बच्चा यूरिन कर रहा है या नहीं, यदि नहीं तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
उल्टी या सुस्ती की स्थिति में विलंब न करें और तत्काल चिकित्सक के पास जाएं।
बच्चों को अधिक से अधिक पानी पिलाएं।
यदि बुखार दो दिन से अधिक बना रहता है तो तुरंत इलाज कराएं।
कलेक्टर सिंह ने झोला छाप डॉक्टरों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। कलेक्टर सिंह ने मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल के चिकित्सकों व स्वास्थ्यकर्मियों को निर्देश दिए कि ऐसे मामलों को अत्यंत गंभीरता से लें। किसी आदेश या निर्देश की प्रतीक्षा किए बिना मरीज को तुरंत उपचार उपलब्ध कराएं। उन्होंने कहा कि जिले में किसी भी बच्चे के उपचार में कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।