Chhindwara News : मध्यप्रदेश। छिंदवाड़ा जिले के जुन्नारदेव में एक सनसनीखेज जमीन फर्जीवाड़े ने पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया है। दलालों ने 10 साल पहले मर चुकी महिला को कागजों पर जिंदा दिखाकर उसकी जगह दूसरी महिला को खड़ा कर जमीन की रजिस्ट्री करा दी। पुलिस की जांच में इस घोटाले की परतें खुल रही हैं, और अब छह लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।
जानकारी के अनुसार, वर्ष 2003 में ललिता यदुवंशी ने जुन्नारदेव की सावित्री बाई यादव को खसरा नंबर 483/9, रकबा 0.300 हेक्टेयर की जमीन बेची थी। कुछ समय बाद सावित्री बाई की कैंसर से मृत्यु हो गई, जिसके कारण जमीन का नामांतरण नहीं हो सका। इसके बाद 2014 में विक्रेता ललिता यदुवंशी का भी निधन हो गया। हालांकि, जमीन का कब्जा सावित्री बाई के परिवार के पास ही रहा।
इस स्थिति का फायदा उठाते हुए वार्ड 17 निवासी दलाल सतपाल ने एक गहरी साजिश रची। उसने मृत ललिता यदुवंशी को कागजों में जिंदा दिखाने का प्लान बनाया। दमुआ की मालती जायसवाल को ललिता के रूप में प्रस्तुत किया गया और आधार कार्ड में छेड़छाड़ कर स्टांप वेंडर चंद्रपाल पवार की मदद से जमीन को इंद्र सिंह चौहान के नाम रजिस्ट्री करा दी गई। इस फर्जीवाड़े में गवाह के रूप में ओवेश खान और सहयोगी अजेश सूर्यवंशी भी शामिल थे।
शिकायत पर पुलिस की त्वरित कार्रवाई
जमीन के असली मालिकों के वारिस मनोज यादव और रमेश यादव ने इस फर्जीवाड़े की शिकायत पुलिस से की। शिकायत के आधार पर जुन्नारदेव थाना प्रभारी राकेश बघेल ने जांच शुरू की। जांच में सामने आया कि मृत ललिता यदुवंशी की जगह मालती जायसवाल को खड़ा कर धोखाधड़ी की गई।
पुलिस ने इस मामले में दलाल सतपाल, खरीदार इंद्र सिंह चौहान, फर्जी महिला मालती जायसवाल, गवाह ओवेश खान, सहयोगी अजेश सूर्यवंशी और स्टांप वेंडर चंद्रपाल पवार के खिलाफ भादवि की धारा 419 (प्रतिरूपण), 420 (धोखाधड़ी), 467 (दस्तावेजों में जालसाजी), 468 (जालसाजी), 471 (फर्जी दस्तावेज), 166 (लोक सेवक द्वारा अवैध कार्य) और 120 बी (आपराधिक षड्यंत्र) के तहत मामला दर्ज किया है।
आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए तलाश तेज
थाना प्रभारी राकेश बघेल ने बताया कि आरोपियों ने सुनियोजित तरीके से इस फर्जीवाड़े को अंजाम दिया। पुलिस ने सभी आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है और जल्द ही उन्हें गिरफ्तार करने की बात कही है। इस घटना ने स्थानीय लोगों में आक्रोश पैदा कर दिया है, और वे दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
इससे पहले भी जिले में सरकारी जमीनों को फर्जी दस्तावेजों के जरिए बेचने के मामले सामने आ चुके हैं। स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से मांग की है कि, जमीन रजिस्ट्री और नामांतरण की प्रक्रिया को और पारदर्शी किया जाए ताकि इस तरह के फर्जीवाड़े पर रोक लग सके।