Kubereshwar Dham : सीहोर, मध्यप्रदेश। प्रसिद्ध कुबेरेश्वर धाम, जो भगवान शिव के भक्तों का प्रमुख तीर्थस्थल है, आजकल एक विवादास्पद बैनर के कारण सुर्खियों में है। धाम के मार्ग पर लगे इस बैनर में स्पष्ट शब्दों में लिखा है कि ‘कुबेरेश्वर धाम प्रांगण में गैर हिंदुओं का आना सख्त मना है’। यह संदेश सकल हिंदू समाज, विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के नाम से जारी किया गया है, जिसने सोशल मीडिया और स्थानीय स्तर पर बहस छेड़ दी है। कथावाचक पंडित मोहित पाठक ने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि ‘गाय खाने वाले विधर्मियों’ को हिंदू मंदिरों में प्रवेश की कोई आवश्यकता नहीं है।
बैनर विवाद –
कुबेरेश्वर धाम, जो पंडित प्रदीप मिश्रा के नेतृत्व में लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है, यहां रुद्राक्ष माला और शिव पूजा के लिए जाना जाता है। लेकिन हाल ही में धाम के प्रवेश मार्ग पर लगे कई बैनरों ने विवाद को जन्म दे दिया। इन बैनरों पर न केवल गैर हिंदुओं के प्रवेश पर रोक लगाने का ऐलान है, बल्कि यह भी चेतावनी दी गई है कि धाम की पवित्रता को बनाए रखने के लिए सख्ती बरती जाएगी। स्थानीय लोगों के अनुसार, ये बैनर पंडित प्रदीप मिश्रा के कुबेरेश्वर धाम से जुड़े हैं, जो धार्मिक आयोजनों के दौरान भारी भीड़ को संभालने का प्रयास कर रहे हैं।
जब इस बैनर के पीछे की वजह जानने की कोशिश की गई, तो धाम समिति के सदस्यों और स्थानीय लोगों ने कैमरे पर बोलने से इनकार कर दिया। हालांकि, अनौपचारिक बातचीत में कुछ लोगों ने इसे सराहनीय कदम बताया। उन्होंने दबी जुबान में कहा कि जब धाम पर लाखों भक्त इकट्ठा होते हैं, तो कुछ ‘विधर्मी’ तत्व महिला भक्तों से छेड़छाड़ या अभद्र व्यवहार करते हैं। “ये बैनर ऐसे असामाजिक लोगों के लिए एक कड़ी चेतावनी है, ताकि धाम की शांति और महिलाओं की सुरक्षा बनी रहे,” एक स्थानीय निवासी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा।
पंडित मोहित पाठक ने कहा कि, ‘विधर्मियों को मंदिरों में घुसने न दें’
इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रसिद्ध कथावाचक पंडित मोहित पाठक ने सोशल मीडिया और सार्वजनिक मंचों पर तीखे शब्दों में अपनी राय रखी। उन्होंने कहा, “जहां राम-कृष्ण की पूजा होती है, चाहे कुबेरेश्वर धाम हो या कोई अन्य सनातनी मंदिर, वहां किसी गाय खाने वाले विधर्मी को आने की कोई जरूरत नहीं। तिलकधारी, त्रिशूलधारी और टीकाधारी हिंदू बहनों-बेटियों की भीड़ में अगर कोई विधर्मी घुसा, तो छेड़खानी या लूटपाट का खतरा बढ़ जाता है।”
पाठक ने सकल हिंदू समाज से अपील की, “किसी भी पवित्र मठ-मंदिर में मुल्ला, टोपी वाले या खतना कराने वाले लोगों को घुसने न दें। गाय खाने वालों को हमारी धार्मिक जगहों से दूर रखना ही उचित है।” उनके ये बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गए हैं, जहां एक तरफ हिंदू संगठनों के समर्थक इसे स्वागतयोग्य बता रहे हैं, वहीं विपक्षी आवाजें इसे धार्मिक असहिष्णुता का प्रतीक करार दे रही हैं। पंडित मोहित पाठक, जो धार्मिक प्रवचनों के लिए जाने जाते हैं, ने अपने बयान को धाम की सुरक्षा और सांस्कृतिक संरक्षण से जोड़ा।
कुबेरेश्वर धाम का महत्व और पृष्ठभूमि
कुबेरेश्वर धाम सीहोर जिले में भोपाल से मात्र 35-50 किलोमीटर दूर स्थित है, जहां भगवान शिव के दर्शन और रुद्राक्ष प्राप्ति के लिए देश-विदेश से श्रद्धालु आते हैं। पंडित प्रदीप मिश्रा, जो धाम के प्रमुख कथावाचक हैं, ने इसे एक आध्यात्मिक केंद्र के रूप में विकसित किया है। यहां शिवरात्रि और अन्य त्योहारों पर लाखों की भीड़ उमड़ती है, और मान्यता है कि यहां के पत्थर भी शिवलिंग के समान हैं। हालांकि, भारी भीड़ के कारण सुरक्षा और व्यवस्था की चुनौतियां बनी रहती हैं, जो इस बैनर विवाद की पृष्ठभूमि में एक कारक लगता है।