Choti Toli Meeting : भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में शनिवार को CM हाउस में एक अहम बैठक ने सियासी हलकों में हलचल मचा दी। इस बैठक में बीजेपी के बड़े संगठन पदाधिकारी, उपमुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्रियों ने हिस्सा लिया। ‘छोटी टोली’ नाम के नए फॉर्मूले के तहत यह पहली बैठक थी, जिसमें सेवा पखवाड़ा, GST की नई दरों और आत्मनिर्भर भारत जैसे मुद्दों पर गहन मंथन हुआ। यह कदम सत्ता और संगठन के बीच बेहतर तालमेल का मजबूत संदेश दे रहा है।
बीजेपी ने सरकार और संगठन के बीच समन्वय को और मजबूत करने के लिए ‘छोटी टोली’ का गठन किया है। इस टोली में सत्ता और संगठन के कद्दावर नेता शामिल हैं, जो समय-समय पर मिलकर चुनौतियों का सामना करने और रणनीति बनाने का काम करेंगे। शनिवार को CM हाउस में हुई इस पहली बैठक में मुख्यमंत्री मोहन यादव, प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडलेवाल, राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा, डिप्टी CM राजेंद्र शुक्ल और जगदीश देवड़ा, साथ ही कैबिनेट मंत्री प्रहलाद पटेल, कैलाश विजयवर्गीय और राकेश सिंह मौजूद रहे।
बैठक का एजेंडा – सेवा से लेकर GST तक
बैठक का मुख्य मकसद था सरकार, संगठन और सत्ता के बीच तालमेल को और पुख्ता करना, ताकि सभी एक दिशा में मिलकर काम करें। इस दौरान कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई –
GST की नई दरें – 22 सितंबर से लागू होने वाली GST दरों के बाद के कार्यक्रमों और उनके असर पर मंथन हुआ।
केंद्र की इस महत्वाकांक्षी योजना को मध्य प्रदेश में और तेज करने की रणनीति बनी।
बीजेपी की संगठनात्मक ताकत को और मजबूत करने के लिए कार्यकर्ताओं के बीच नई ऊर्जा भरने की योजना पर विचार हुआ।
क्यों अहम है ‘छोटी टोली’?
यह नया फॉर्मूला बीजेपी की रणनीति का हिस्सा है, जो सत्ता और संगठन के बीच किसी भी तरह की खटास को दूर रखना चाहता है। ‘छोटी टोली’ के जरिए बड़े नेता नियमित तौर पर मिलकर सरकार की नीतियों और संगठन की गतिविधियों को एक लय में लाएंगे।