Gwalior News : ग्वालियर। मध्यप्रदेश के ग्वालियर शहर में सड़क धंसने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, और अब यह समस्या एक ऐतिहासिक स्थल के पास पहुंच गई है। पूर्व केंद्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया की प्रतिमा के ठीक पास एक प्रमुख सड़क में करीब 10 फीट गहरा गड्ढा हो गया। चौंकाने वाली बात यह है कि गड्ढे के नीचे एक सुरंग साफ नजर आ रही है, जो लोगों में चिंता पैदा कर रही है। पुलिस और जिला प्रशासन को सूचना मिलते ही मौके पर बैरिकेडिंग कर दी गई, ताकि कोई हादसा न हो। लेकिन सवाल उठ रहा है—क्या शहर के नीचे छिपी ये सुरंगें खतरे की घंटी बजा रही हैं?
चेतकपुरी सड़क: 12 दिनों में 10 बार धंस चुकी, चर्चा का केंद्र बनी
ग्वालियर की चेतकपुरी सड़क, जिसे महल रोड के नाम से भी जाना जाता है, पिछले कुछ दिनों से देशव्यापी चर्चा में है। जून महीने में 19 करोड़ रुपये की लागत से वॉटर ड्रेन प्रोजेक्ट के तहत माधव नगर से चेतकपुरी तक की लगभग 4.30 किलोमीटर लंबी सड़क बनाई गई थी। यह सड़क केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के महल के बगल से गुजरती है। लेकिन निर्माण के महज कुछ ही महीनों बाद, यह सड़क 12 दिनों के अंदर 10 बार धंस चुकी है। निर्माण की खराब गुणवत्ता या भूमिगत जल निकासी की समस्या इसके पीछे हो सकती है।
झांसी रोड पर भी हुआ था डरावना हादसा
यह पहली बार नहीं है जब ग्वालियर की सड़कें धंस रही हैं। 24 अगस्त को झांसी रोड पर भी एक बड़ा गड्ढा हो गया था। इस घटना में ईंटों से लदा एक ट्रक गड्ढे में फंस गया। ट्रक को निकालने में करीब 2 घंटे लग गए, और इस दौरान यातायात बुरी तरह बाधित हो गया। झांसी रोड शहर के पॉश इलाकों से होकर गुजरती है, इसलिए इस हादसे ने लोगों में दहशत फैला दी।
प्रशासन की कार्रवाई और लोगों की चिंता
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और नगर निगम की टीम मौके पर पहुंची। गड्ढे के चारों ओर बैरिकेड लगाकर यातायात को डायवर्ट कर दिया गया। लेकिन सड़क धंसने की बार-बार हो रही घटनाओं ने ग्वालियरवासियों में गुस्सा भरा दिया है। लोग कह रहे हैं कि करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद सड़कें इतनी कमजोर कैसे हो गईं? क्या यह भ्रष्टाचार का नतीजा है, या मिट्टी की संरचना की समस्या? आने वाले दिनों में जांच रिपोर्ट का इंतजार है, लेकिन तब तक शहरवासी सतर्क रहने को मजबूर हैं।
ग्वालियर की ये धंसती सड़कें न केवल यातायात की समस्या पैदा कर रही हैं, बल्कि शहर की छवि को भी धूमिल कर रही हैं। उम्मीद है कि प्रशासन जल्द ही ठोस कदम उठाएगा, ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।