Bhopal Love Jihad Case : भोपाल। सुबह की पहली किरण के साथ भोपाल के अर्जुन नगर में एक अलग ही हलचल थी। भारी पुलिस बल, बैरिकेड्स, और बुलडोजरों की गड़गड़ाहट ने इलाके का माहौल थोड़ा तनावपूर्ण बना दिया। यह प्रशासन की उस सख्त कार्रवाई का दिन है, जिसने लव जिहाद और रेप केस के आरोपियों फरहान, साद, और साहिल के अवैध मकानों को धूल में मिला दिया।
सुनियोजित साजिश का पर्दाफाश
यह कहानी केवल अवैध निर्माण ध्वस्त करने की नहीं, बल्कि एक गहरी साजिश के खुलासे की है। मानव अधिकार आयोग की शिकायतों ने एक डरावना सच उजागर किया—आरोपियों ने कॉलेज की मासूम छात्राओं को अपने जाल में फंसाया। पहले दोस्ती का झांसा, फिर प्यार का नाटक, और इसके बाद ब्लैकमेलिंग और रेप जैसी घिनौनी हरकतें। इतना ही नहीं, अश्लील वीडियो बनाकर धर्म परिवर्तन और निकाह के लिए दबाव डाला गया। आयोग ने इसे एक संगठित अपराध करार दिया, जिसका जाल शायद भोपाल से निकलकर दूसरे राज्यों तक फैला हो।
बुलडोजर की दहाड़, कोर्ट का इंकार
आरोपियों ने अपनी हरकतों को छिपाने की हर कोशिश की। उन्होंने कोर्ट में कार्रवाई रोकने के लिए गुहार लगाई लेकिन अदालत ने उनकी एक न सुनी। कोई स्थगन राहत नहीं मिली, और प्रशासन ने तय समय पर बुलडोजर चलाकर उनके अवैध मकानों को नेस्तनाबूद कर दिया। गोविंदपुरा के एसडीएम रवीश कुमार श्रीवास्तव ने बताया, “यह कार्रवाई पूरी तरह नियमों के तहत की गई। सरकारी जमीन पर कब्जा करने वालों को कोई बख्शा नहीं जाएगा।”
समय सीमा खत्म, फिर भी नहीं माने आरोपी
गोविंदपुरा तहसीलदार सौरभ वर्मा ने बताया कि आरोपियों को 4 सितंबर तक का समय दिया गया था कि वे खुद अवैध कब्जा हटाएं। लेकिन न तो फरहान, साद, साहिल और न ही उनके साथियों नबील, अली, और अबरार ने कोई कदम उठाया। आखिरकार, प्रशासन ने शनिवार की सुबह को चुना और बुलडोजरों की गर्जना के साथ सरकारी जमीन को मुक्त कराया।
कोर्ट में चल रही है जंग
यह मामला यहीं खत्म नहीं होता। फरहान, साद, साहिल, नबील, अली, और अबरार पर रेप और जबरन धर्म परिवर्तन जैसे संगीन आरोप हैं। इनकी सुनवाई कोर्ट में चल रही है, और जनता की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या इंसाफ की जीत होगी।
इस कार्रवाई ने न केवल अर्जुन नगर, बल्कि पूरे भोपाल में एक सवाल खड़ा कर दिया है—क्या यह सिर्फ एक शुरुआत है? प्रशासन का बुलडोजर क्या उन सभी के खिलाफ चलेगा, जो कानून को ठेंगा दिखाते हैं।