अलीराजपुर। मध्यप्रदेश के अलीराजपुर जिले की जोबट विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक सेना महेश पटेल और उनके बेटे पुष्पराज पटेल को इंदौर हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने पुष्पराज के खिलाफ 14 जुलाई को दर्ज FIR को रद्द करने का आदेश दिया है। इस मामले ने प्रदेश की सियासत में खूब हलचल मचाई थी, लेकिन शिकायतकर्ता पुलिसकर्मी के साथ हुए समझौते ने इसे नया मोड़ दे दिया।
क्या था पूरा मामला?
13 जुलाई की रात को पुष्पराज पटेल एक बिना नंबर प्लेट वाली SUV गाड़ी चला रहे थे। इस दौरान उनकी गाड़ी पुलिस बैरिकेड्स से टकरा गई, जिसमें एक कांस्टेबल घायल हो गया। नाइट ड्यूटी पर तैनात दो पुलिसकर्मियों ने पुष्पराज पर हत्या के प्रयास (धारा 307, BNSS), आपराधिक साजिश (धारा 109) और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया था। इसके आधार पर पुलिस ने उनके खिलाफ FIR दर्ज की थी।
हाईकोर्ट में याचिका और समझौता
पुष्पराज ने इस FIR को रद्द करने के लिए इंदौर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में शिकायतकर्ता पुलिसकर्मी के साथ हुए समझौते का हवाला दिया गया। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि पुलिस ने FIR दर्ज करने में देरी की, चार्जशीट में कई खामियां थीं, और मेडिकल रिपोर्ट भी पेश नहीं की गई। इन कमियों और समझौते को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने FIR निरस्त करने का फैसला सुनाया।
विधायक का आरोप : ‘राजनीतिक साजिश’
FIR रद्द होने के बाद विधायक सेना महेश पटेल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस पूरे मामले को ‘राजनीतिक साजिश’ करार दिया। उन्होंने कहा, “मेरे बेटे के खिलाफ बिना सबूत के झूठा केस बनाया गया।” उन्होंने तत्कालीन SP, अतिरिक्त SP और TI के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज करने की बात भी कही।
अलीराजपुर के SP बीएस विरदे ने कोर्ट के आदेश पर कहा कि मामले की जांच नियमानुसार की जाएगी। इस फैसले ने न केवल विधायक परिवार को राहत दी है, बल्कि सियासी हलकों में भी नई चर्चा छेड़ दी है। क्या यह मामला वाकई साजिश थी, या महज एक हादसा? यह सवाल अब लोग कर रहे हैं।