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Mandla Garam Pani Kund : मंडला का चमत्कारी कुंड – प्रकृति, आस्था और चिकित्सा का अनोखा संगम

Mandla Garam Pani Kund

Mandla Garam Pani Kund : मध्यप्रदेश के मंडला शहर से 18 किलोमीटर दूर, बबेहा गांव के पास बसा है गर्म पानी कुंड—एक रहस्यमयी और चमत्कारी स्थान, जो अपनी गर्माहट और औषधीय शक्तियों के लिए प्रसिद्ध है। जैसे ही आप मंडला से इस यात्रा पर निकलेंगे, माँ नर्मदा के किनारे और बरगी डैम के बैकवाटर क्षेत्र की ओर बढ़ते हुए, हरे-भरे जंगलों के बीच सड़क एक रोमांचक कहानी की तरह खुलती चली जाएगी। यह स्थान, जो चारों ओर पानी और घने पेड़ों से घिरा एक छोटा-सा मानव-निर्मित टापू है, प्रकृति का एक अनमोल उपहार है।

मंडला-जबलपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर गाड़ी चलाते हुए, बबेहा गांव की ओर मुड़ने वाली 2 किलोमीटर की संकरी सड़क ने आपको प्रकृति के और करीब ला देगी। हवा में ठंडक और पेड़ों की घनी छांव सूरज की किरणों को नरम कर देगी। शहर की भागदौड़ पीछे छूट जाएगी और चारों ओर सिर्फ पत्तियों की सरसराहट और पानी की हल्की आवाज सुनाई देगी।

प्रकृति का चमत्कार…
गर्म पानी कुंड कोई साधारण जल स्रोत नहीं है। साल भर गर्म रहने वाला इसका पानी मौसम को चुनौती देता है। स्थानीय लोगों का मानना है कि इस कुंड में स्नान करने से चर्म रोग ठीक हो जाते हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि इसके नीचे सल्फर की चट्टानें हैं, जो पानी को गर्म रखती हैं और सल्फर की मौजूदगी के कारण चर्म रोगों में राहत मिलती है लेकिन इस कुंड की कहानी सिर्फ विज्ञान तक सीमित नहीं है—यह आस्था और इतिहास का भी संगम है।

कहा जाता है कि इस स्थान पर भगवान परशुराम ने तपस्या की थी। कुंड के पास एक छोटा-सा प्राचीन मंदिर है, जिसमें पुरातन मूर्तियां स्थापित हैं, जो इसकी पवित्रता को और बढ़ाती हैं। स्थानीय लोग बताते हैं कि नर्मदा नदी के किनारे होने के कारण इस स्थान पर समय-समय पर मेले भी लगते हैं, जो इसे और जीवंत बनाते हैं।

एक नई जिंदगी…
बरगी डैम के निर्माण से पहले यह स्थान आज जैसा नहीं था। डैम बनने के बाद यह कुंड बैकवाटर में डूब गया था और केवल गर्मियों में, जब पानी का स्तर कम होता, तब दिखाई देता। फिर, शासन और ग्रामीणों के संयुक्त प्रयासों से कुंड के चारों ओर मिट्टी का भराव कर इसे कुएं जैसी आकृति दी गई और बैकवाटर के जलस्तर से ऊपर उठाया गया। इस तरह, इस चमत्कारी कुंड को नया जीवन मिला।

आज कुंड की ऊंचाई काफी अधिक है और इसकी सतह से लगभग 5.5 फीट नीचे लोहे की रॉड लगाई गई है। कुंड की गहराई अधिक होने के कारण यहां स्नान करते समय सावधानी बरतनी पड़ती है। कुंड से निकलने वाला पानी पीछे की ओर बहता है, और टापू व कुंड के चारों ओर लोहे की रेलिंग लगाई गई है, जो इसे सुरक्षित बनाती है।

कैसे पहुंचें गर्म पानी कुंड तक?
गर्म पानी कुंड मंडला और जबलपुर दोनों से आसानी से पहुंचा जा सकता है। मंडला जिला मुख्यालय से यह 18 किलोमीटर दूर है और मंडला-जबलपुर राष्ट्रीय राजमार्ग से मात्र 2 किलोमीटर अंदर बबेहा गांव के पास स्थित है। चाहे आप प्रकृति प्रेमी हों, आध्यात्मिक खोज में हों, या बस कुछ अनोखा अनुभव चाहते हों, यह स्थान आपको निराश नहीं करेगा।

मंडला का गर्म पानी कुंड सिर्फ एक जल स्रोत नहीं, बल्कि प्रकृति, आस्था और विज्ञान का अनोखा मेल है। यहां की शांति, गर्म पानी की चिकित्सीय शक्ति और पवित्र नर्मदा का सान्निध्य इसे एक अविस्मरणीय स्थान बनाते हैं। अगर आप मंडला की यात्रा पर हैं, तो इस चमत्कारी कुंड को अपनी सूची में जरूर शामिल करें। यहाँ का अनुभव आपको प्रकृति और आस्था के करीब लाएगा, और शायद, कुछ चमत्कारों की कहानी भी दे जाएगा।

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