MP Big News : छिंदवाड़ा। मध्यप्रदेश मेडिकल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (MPMCCL) ने खराब गुणवत्ता की वजह से इस साल 19 दवाओं को ब्लैकलिस्ट किया है। इनमें 5 दवाएं बच्चों के लिए थीं, जिससे सरकारी अस्पतालों में बच्चों को दी जाने वाली दवाओं की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं।
बुखार, दर्द, पोषण की कमी और संक्रमण की थी दवा :
ब्लैकलिस्ट की गई दवाओं में पेरासिटामोल ड्रॉप्स, जेंटामाइसिन इंजेक्शन, थायमिन टैबलेट, मल्टीविटामिन टैबलेट और एस्कॉर्बिक एसिड (विटामिन C) शामिल हैं। ये दवाएं बच्चों को बुखार, दर्द, पोषण की कमी और संक्रमण के इलाज के लिए दी जाती थीं।
जांच में फेल होने वाली दवाओं पर तुरंत रोक :
मध्यप्रदेश खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने बच्चों की दवाओं की गुणवत्ता की जांच तेज कर दी है। हाल ही में कुछ बच्चों में दवाओं से नकारात्मक प्रभाव की शिकायतों के बाद यह कदम उठाया गया। अधिकारियों ने बताया कि जांच में फेल होने वाली दवाओं पर तुरंत रोक लगा दी गई है।
दवा नियंत्रण प्रणाली में खामियां :
विशेषज्ञों का कहना है कि यह दवा नियंत्रण प्रणाली में खामियों को दर्शाता है। उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार को ऐसी दवाएं बनाने वाली कंपनियों की भी जांच करनी चाहिए ताकि इस तरह की गड़बड़ियां रोकी जा सकें। छिंदवाड़ा की घटना के बाद दवाओं की गुणवत्ता की सख्त जांच शुरू की गई है।