MP Cough Syrup Scam : मध्यप्रदेश में एक छोटी-सी खांसी का इलाज बच्चों की जिंदगी पर भारी पड़ रहा है। ‘कोल्ड्रिफ’ कफ सिरप से अब तक 22 मासूमों की मौत हो गई है। छिंदवाड़ा, पांढुर्ना और बैतूल में मौत का ये सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। ताजा मामले में नागपुर के अस्पताल में भर्ती दो और बच्चों—5 साल के विशाल और 4 साल के मयंक सूर्यवंशी—ने दम तोड़ दिया। अभी भी कई बच्चे जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं।
छिंदवाड़ा के परासिया कस्बे में रहने वाले इन बच्चों को मामूली खांसी के लिए कोल्ड्रिफ सिरप दी गई थी। लेकिन कुछ ही घंटों में उनकी हालत बिगड़ने लगी। माता-पिता की आंखों के सामने बच्चे तड़पते रहे, और किडनी फेल होने से एक-एक कर मासूमों ने दम तोड़ दिया। छिंदवाड़ा में 19, पांढुर्ना में 1 और बैतूल में 2 बच्चों की मौत ने पूरे प्रदेश को हिलाकर रख दिया है।
जांच में खुला चौंकाने वाला सच
जांच में पता चला कि इस त्रासदी के पीछे कुछ निजी डॉक्टरों की लापरवाही है, जिनमें डॉ. प्रवीण सोनी का नाम सबसे आगे है। उन्होंने बच्चों को कोल्ड्रिफ सिरप प्रेस्क्राइब किया, जिसमें डायएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) जैसे जहरीले रसायन पाए गए। ये रसायन सीधे किडनी को नष्ट कर देता है। मेडिकल रिपोर्ट्स ने साबित किया कि सिरप में 40% से ज्यादा जहरीले तत्व थे, जो बच्चों की मौत का कारण बने। ये वही केमिकल है, जो पहले भी भारत और विदेशों में कफ सिरप से जुड़े हादसों में सामने आ चुका है।
श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स कंपनी के मालिक एस. रंगनाथन गिरफ्तार
छिंदवाड़ा के एसपी अजय पांडे ने बताया कि तमिलनाडु की श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स कंपनी के मालिक एस. रंगनाथन को चेन्नई से गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्हें जल्द ही छिंदवाड़ा लाया जाएगा। पुलिस ने डॉ. सोनी समेत अन्य संदिग्धों को भी हिरासत में लिया है। प्रशासन ने एक हाई-लेवल कमेटी बनाई है, जो ये जांच कर रही है कि ये जहरीली दवा बाजार में कैसे पहुंची और इसकी सप्लाई चेन में कहां चूक हुई।
सरकार का एक्शन –
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस घटना को “दिल दहलाने वाला” बताया और कोल्ड्रिफ सिरप पर पूरे राज्य में बैन लगा दिया। मुआवजे का ऐलान हुआ है, लेकिन पीड़ित परिवारों का कहना है, “पैसे से हमारा बच्चा वापस नहीं आएगा।” विपक्षी दल सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं और मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है। गुजरात और तमिलनाडु में भी इस सिरप की बिक्री पर रोक लग चुकी है।