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सिवनी में बारिश का कहर : नदियां उफान पर, भीमगढ़ संजय सरोवर बांध के 4 गेट खुले

Seoni Heavy Rains

Seoni Heavy Rains : सिवनी। मध्यप्रदेश के सिवनी जिले में लगातार हो रही झमाझम बारिश ने हालातों को बिगाड़ दिया है। नदियां-नाले उफान मारते हुए लबालब भर चुके हैं और कई पुल-पुलियों पर पानी का तेज बहाव देखा जा रहा है। छपारा तहसील में स्थित प्रसिद्ध भीमगढ़ संजय सरोवर बांध के जलस्तर में वृद्धि के कारण जल संसाधन विभाग ने चार गेट खोलने का फैसला लिया है। इससे वैनगंगा नदी में प्रति सेकंड 21,000 घन फीट पानी छोड़ा जा रहा है, जिसके चलते निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। प्रशासन ने ग्रामीणों को सतर्क रहने की हिदायत दी है, जबकि बालाघाट और महाराष्ट्र के गोंदिया-भंडारा जिलों में भी हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है।

बांध से पानी छोड़ने का फैसला
जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री उदय मर्सकोले ने बताया कि बांध में निरंतर पानी का आवक हो रहा है, जिससे जलस्तर खतरनाक स्तर को छू गया था। दोपहर 3 बजे चार गेटों को खोलकर वैनगंगा नदी में पानी की रिहाई शुरू की गई। मर्सकोले ने कहा, “यह कदम बांध की सुरक्षा और निचले क्षेत्रों में बाढ़ नियंत्रण के लिए आवश्यक था। प्रति सेकंड 21,000 घन फीट पानी छोड़ा जा रहा है, लेकिन स्थिति पर नजर रखी जा रही है।” भीमगढ़ संजय सरोवर बांध, जो एशिया का सबसे बड़ा मिट्टी का बांध माना जाता है, सिवनी के छपारा क्षेत्र में स्थित है और वैनगंगा नदी पर बना है। यह बांध न केवल सिंचाई और बिजली उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि भारी बारिश के दौरान बाढ़ प्रबंधन में भी अहम भूमिका निभाता है।

बालाघाट और महाराष्ट्र में हाई अलर्ट
बांध से पानी छोड़ने का सीधा असर सिवनी के निचले इलाकों के साथ-साथ पड़ोसी बालाघाट जिले पर पड़ेगा। महाराष्ट्र के गोंदिया और भंडारा जिलों में भी नदी का जलस्तर बढ़ सकता है, इसलिए वहां के प्रशासनों को भी सूचित कर अलर्ट जारी किया गया है। कलेक्टर ने लोगों से अपील की है कि, यदि किसी पुल या पुलिया पर पानी बह रहा हो, तो उसे पार करने की कोशिश बिल्कुल न करें। “सुरक्षा सबसे ऊपर है। नदियों के किनारे बसे ग्रामीणों को विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए,” कलेक्टर ने कहा। जिला प्रशासन ने राहत और बचाव टीमों को हाई अलर्ट पर रखा है, और हेल्पलाइन नंबर भी सक्रिय कर दिए गए हैं।

स्थानीय लोगों का कहना है कि बारिश के कारण खेतों में जलभराव हो गया है, और फसलें खतरे में हैं। एक किसान, रामेश्वर पटेल ने बताया, “नदियां इतनी उफान पर हैं कि गांव के रास्ते बंद हो गए हैं। हमें घरों में ही रहना पड़ रहा है।” प्रशासन ने स्कूल-कॉलेजों को छुट्टी का ऐलान किया है और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

घंसौर तहसील में सबसे अधिक 69.84 इंच बारिश हुई है, जो जिले के औसत से काफी ऊपर है। यह मानसून की अच्छी बरसात का संकेत देता है, लेकिन बाढ़ की स्थिति ने विकास कार्यों को प्रभावित कर दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण ऐसी अनियमित बारिश बढ़ रही है, जिससे बांध प्रबंधन और अधिक चुनौतीपूर्ण हो गया है।

सिवनी जिला प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तैनात की हैं। कलेक्टर ने ग्रामीणों से घरों में राशन का स्टॉक रखने और बिजली-पानी की व्यवस्था सुनिश्चित करने की सलाह दी है। साथ ही, मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में रुक-रुक कर बारिश जारी रहने का अनुमान जताया है। यदि जलस्तर और बढ़ा, तो और गेट खोलने का विकल्प खुला रखा गया है।

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