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MP कैबिनेट के बड़े फैसले: 2027 से नगरीय निकायों में अध्यक्ष का होगा सीधा चुनाव

Indore Accident

MP Cabinet Decision : भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। इनमें नगरीय निकायों के चुनावी ढांचे में बदलाव और पर्यावरण संरक्षण को लेकर अहम कदम शामिल हैं।

नगरीय निकायों में अध्यक्ष का प्रत्यक्ष चुनाव
कैबिनेट ने नगरीय निकायों (नगर पालिका और नगर परिषद) के अध्यक्षों के चुनाव को प्रत्यक्ष प्रणाली से कराने का ऐतिहासिक फैसला लिया। यह व्यवस्था 2027 के नगरीय निकाय चुनावों से लागू होगी, जिसके तहत मतदाता सीधे अपने वोट से अध्यक्ष का चयन करेंगे। पहले 2022 तक यह प्रणाली लागू थी, लेकिन बाद में अप्रत्यक्ष प्रणाली शुरू की गई थी, जिसमें पार्षद वोट डालकर अध्यक्ष चुनते थे। इस व्यवस्था में राजनीतिक अस्थिरता और जोड़-तोड़ की शिकायतें सामने आती थीं।

सरकार का मानना है कि प्रत्यक्ष चुनाव से न केवल जनता की भागीदारी बढ़ेगी, बल्कि बार-बार अविश्वास प्रस्तावों के कारण उत्पन्न होने वाली अस्थिरता भी खत्म होगी। इस बदलाव के लिए मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम, 1961 में संशोधन को मंजूरी दी गई है। धारा 19, 20(2), 32 से 35, 43, 45, 47, 55, 63 और 328 में बदलाव किए जाएंगे। मध्यप्रदेश नगर पालिका (संशोधन) अध्यादेश, 2025 को भी हरी झंडी दे दी गई है। इस कदम से लोकतंत्र को और मजबूती मिलने की उम्मीद है।

पुरानी गाड़ियों को स्क्रैप करने पर जोर, नई गाड़ी पर छूट
पर्यावरण संरक्षण को लेकर भी कैबिनेट ने बड़ा फैसला लिया। बीएस-1 और बीएस-2 मानक वाली पुरानी गाड़ियों को स्क्रैप करने के लिए प्रोत्साहन राशि बढ़ाने का निर्णय लिया गया। अब अधिकृत स्क्रैपिंग संस्थाओं को उद्योगों जैसी सुविधाएं दी जाएंगी। इसके अलावा, जो वाहन मालिक अपनी पुरानी गाड़ी स्क्रैप करेंगे, उन्हें नई गाड़ी खरीदने पर मोटर वाहन कर में 50 प्रतिशत की छूट मिलेगी। सरकार का कहना है कि इससे वायु प्रदूषण में कमी आएगी और लोगों को आर्थिक लाभ भी होगा।

सेवा पखवाड़ा का आयोजन
कैबिनेट ने 17 सितंबर (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन) से 2 अक्टूबर (गांधी जयंती) तक सेवा पखवाड़ा मनाने का फैसला किया। इस दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव विभिन्न जिलों का दौरा करेंगे और सरकारी योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करेंगे। इस पहल का मकसद जनसेवा और विकास कार्यों को गति देना है।
इन फैसलों से मध्यप्रदेश सरकार ने जहां लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करने की दिशा में कदम उठाया है, वहीं पर्यावरण संरक्षण और जनकल्याण को भी प्राथमिकता दी है।

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