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Vijayraghavgarh Fort : मध्यप्रदेश का गुमनाम किला – जहां एक गोली ने अंग्रेजों को ललकारा

Vijayraghavgarh Fort History

Vijayraghavgarh Fort History : मध्यप्रदेश। विजयराघवगढ़ किला केवल पत्थरों का ढेर नहीं है—यह भारत की स्वतंत्रता संग्राम की एक जीवंत गाथा है। इस किले में हर वो बात है जो इसे हर इतिहास प्रेमी की यात्रा सूची में शामिल होने का हकदार बनाता है। अगर आप मध्य प्रदेश के ऐतिहासिक स्थल खोज रहे हैं, जो युद्ध की गाथाओं और वास्तुशिल्प चमत्कार का मिश्रण हों, तो यह जगह आपके लिए है— यकीन मानिए विजयराघवगढ़ किले की कहानी आपको हैरान कर देगी…।

विद्रोही राजकुमार और 1857 की चिंगारी :
साल 1857, जब भारत ने अपनी पहली स्वतंत्रता संग्राम की जंग लड़ी। रानी लक्ष्मीबाई और मंगल पांडे की कहानियां मशहूर हैं लेकिन विजयराघवगढ़ के नायक राजा सरयू प्रसाद, जो राजा प्रयागदास के पुत्र थे, को कम ही लोग जानते हैं। इस वीर योद्धा ने न केवल विद्रोह में हिस्सा लिया बल्कि मध्य भारत में क्रांति की शुरुआत की। उन्होंने एक ब्रिटिश कमिश्नर पर पहली गोली चलाई जिसने अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह की चिंगारी को हवा दी।

ऐतिहासिक दस्तावेज बताते हैं कि राजा सरयू प्रसाद का निवास—यह किला—साहस का प्रतीक था। उन्होंने स्थानीय लोगों को एकजुट कर ब्रिटिश शासन के खिलाफ बिगुल फूंका। आज, जब आप इस किले की गलियों में घूमते हैं, उस दौर का जोश महसूस होता है। अगर आप भारत में 1857 के विद्रोह स्थल तलाश रहे हैं, तो विजयराघवगढ़ किला उस साहसिक इतिहास की एक अनछुई झलक देता है। यह सिर्फ इतिहास नहीं, बल्कि आज के देशभक्तों के लिए प्रेरणा है!

वास्तुशिल्प का चमत्कार: रक्षा और कला का संगम
विजयराघवगढ़ किले का निर्माण 1826 में शुरू हुआ और कई वर्षों में यह एक अभेद्य किले के रूप में उभरा, जो जितना मजबूत है, उतना ही सुंदर भी। 35 एकड़ में फैला यह किला एक पहाड़ी पर बसा है, जिसके चारों ओर विशाल दीवारें और बुर्ज हैं। इसे मध्य प्रदेश के किलों में खास क्या बनाता है? इसकी प्राकृतिक रक्षा प्रणाली: दो तरफ नदियां और तीसरी तरफ विशाल पर्वत इसे अभेद्य बनाते हैं, जो हर आगंतुक को चकित कर देता है।

वास्तुशिल्प प्रेमियों के लिए प्रमुख आकर्षण –
-बड़ा दरवाज़ा, जो नक्काशी और मूर्तियों से सजा है, किले का मुख्य रक्षात्मक प्रवेश द्वार है। छोटा दरवाज़ा शाही परिवार के लिए एक निजी प्रवेश था।
-राजा महल, जहाँ राजा और उनका परिवार रहता था, चित्रों, नक्काशी और मूर्तियों से सजा है। रानी महल, छोटा लेकिन आकर्षक, अपने आंगनों और बगीचे के साथ शाही जीवन की झलक देता है।
-दीवान-ए-ख़ास में राजा अपने सलाहकारों से मिलते थे, जबकि दीवान-ए-आम में प्रजा की समस्याएँ सुनी जाती थीं।
-बावड़ी, जो पानी संग्रह के लिए बनी थी, और भगवान शिव का सुंदर मंदिर किले की शोभा बढ़ाते हैं। रंगमहल की नक्काशी और राघव जी का मंदिर विजय के प्रतीक हैं।

किले की दीवारों पर की गई नक्काशी स्थानीय कारीगरी और शाही वैभव का मिश्रण है। रात में रोशनी से जगमगाता यह किला फोटोग्राफरों और रोमांच प्रेमियों के लिए स्वर्ग है।

किले से परे: प्रकृति, वन्य जीवन और आधुनिक आकर्षण
विजयराघवगढ़ केवल एक किला नहीं—यह मध्य प्रदेश के मनोरम परिदृश्यों में बसा है, जो आंखों को सुकून देता है। पास में स्थित बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान वन्यजीव प्रेमियों के लिए स्वर्ग है, जहाँ बाघ, तेंदुए, हिरण और रंग-बिरंगे पक्षी देखे जा सकते हैं।

कई जीर्णोद्धारों के बाद, यह किला आज सतना में पर्यटक आकर्षण का केंद्र है। चाहे आप इतिहास प्रेमी हों, वास्तुशिल्प के दीवाने हों या प्रकृति के शौकीन, यहाँ सबके लिए कुछ खास है।

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